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करोड़ों का राजस्व देने वाले परिवहन कार्यालय को अपना भवन तक नहीं

मधेपुरा। प्रति वर्ष करोड़ों रुपये राजस्व का लक्ष्य हासिल करने वाला जिला परिवहन विभाग कार्यालय क

By JagranEdited By: Published: Tue, 24 Apr 2018 06:48 PM (IST)Updated: Tue, 24 Apr 2018 06:48 PM (IST)
करोड़ों का राजस्व देने वाले परिवहन कार्यालय को अपना भवन तक नहीं
करोड़ों का राजस्व देने वाले परिवहन कार्यालय को अपना भवन तक नहीं

मधेपुरा। प्रति वर्ष करोड़ों रुपये राजस्व का लक्ष्य हासिल करने वाला जिला परिवहन विभाग कार्यालय को अपना भवन तक नसीब नहीं हो पाया है। परिवहन कार्यालय कई वर्षों समाहरणालय स्थित सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय में संचालित हो रहा है। इस कारण सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय का कार्य भी बाधित हो रहा है। वर्तमान में संचालित कार्यालय में कर्मियों की भी कमी देखी जा रही है।

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वाहन से राजस्व वसूली करने वाले को अपना वाहन भी नहीं :

दूसरे के वाहन से प्रति माह करोड़ों की राजस्व वसूली करने वाले परिवहन कार्यालय को अपना वाहन तक नहीं है। इसकी कमी भी खलती रहती है। इस कारण वाहन जांच में भी परेशानी होती है। इसके लिए भाड़े पर निजी वाहन को रखा गया है। जिसका उपयोग जिला परिवहन पदाधिकारी करते है।

विभाग दे रही वाहन चे¨कग अभियान को तरजीह:

परिवहन कार्यालय द्वारा यातायात नियमों को लागू करने के दिशा में नियमित वाहन चे¨कग अभियान चलाया जा रहा है। इसके लिए जिले के विभिन्न थानाध्यक्ष सहित कमांडो दस्ता की टीम को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। थानाध्यक्षों के नेतृत्व में थाना क्षेत्र के चौक-चौराहों पर चे¨कग अभियान के दौरान यातायात नियमों की अवहेलना करने वाले वाहन चालकों को जुर्माना की जाती है। जुर्माना की राशि जमा करने के बाद वाहन चालक को यातायात नियमों का पालन करने की नसीहत देते हुए छोड़ दिया जाता है। हालांकि चे¨कग अभियान के दौरान यातायात नियमों की अवहेलना करने वाले वाहन चालकों पर अभियान में शामिल कुछ पुलिस वालों की नरमी की शिकायत की बात सामने आती रही है।

वाहन टैक्स भुगतान में होती आनाकानी:

वाहन मालिक द्वारा वाहनों पर टैक्स की चोरी के अलावा बकाए टैक्स के भुगतान में कोताही से विभागीय राजस्व की हानि होती है। यद्यपि प्रति वर्ष जिला परिवहन विभाग के लिए राजस्व की निर्धारित लक्ष्य को हासिल करने में विभाग कामयाब रहा है। वैसे तो बड़ी संख्या में वाहन संचालकों द्वारा टैक्स भुगतान में आनाकानी की शिकायत सुनी जाती रही है। ऐसे संचालकों पर विभागीय कार्रवाई भी की जाती रही है। इसके अलावा जिले में बड़ी संख्या में ट्रैक्टर सहित अन्य छोटे-बड़े वाहनों का निबंधन नहीं कराए जाने की बात को भी नकारा नहीं जा सकता है।

शहर में नहीं है किराया तालिका : बस सहित भाड़ा के अन्य वाहनों के किराया तालिका शहर में नहीं होने के कारण वाहन संचालकों द्वारा यात्रियों से मनमाना भाड़ा की वसूली की शिकायत सुनी जाती रही है। भाड़ा के वाहनों की तालिका पिछले कई वर्षों से शहर में नहीं लगाई जा सकी है। इस दिशा में स्थानीय लोगों द्वारा लगातार मांग किए जाने के बाद भी भाड़ा तालिका नहीं लगाया जा सका है। इसको लेकर यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।


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