एनएच के गढ्डे में गुम हो रही लोगों की जिदगानी
मधेपुरा। एनएच 106 एवं 107 में बना चार-पांच फीट का गड्ढा उसकी बदहाली को उजागर कर रहा
मधेपुरा। एनएच 106 एवं 107 में बना चार-पांच फीट का गड्ढा उसकी बदहाली को उजागर कर रहा है। मधेपुरा से सहरसा जाने वाली एनएच की हालत इतनी बदतर हो चुकी है। इतनी शायद पहले कभी नहीं हुई थी। एनएच सिर्फ नाम का रह गया। बारिश होते ही कीचड़ और पानी से सनी सड़क एवं धूप में धूल धूसरित सड़क दिखाई पड़ती है। रोजाना हो रहे सड़क दुर्घटना के कारण एनएच पर सफर करने से पहले लोग सौ बार सोचने पर विवश हैं। एनएच निर्माण नहीं होने से लगातार हजारों छोटी-बड़ी गाड़ियों के गुजरने से सड़क नाम का एनएच रह गया है। सड़क पर जगह-जगह गड्ढे बन गए हैं। तो कहीं-कहीं सड़क टूटकर बिल्कुल बिखर गई है। आवाजाही के लिए लोगों को रोजना एनएच का सहारा लेना ही पड़ता है। ना चाहते हुए भी लोग रोज दुर्घटना और मौत के साए में सफर करने को विवश हैं।
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2001 में एनएच 106 एवं 107 के शिलान्यास होने के बाद से लोग सड़क निर्माण की आस लगाए बैठे हैं। परंतु वर्ष बीतने के साथ परिवहन विभाग के मंत्री व आला अधिकारी तो बदल रहे हैं। परंतु एनएच की स्थिति दिनोंदिन बद से बदतर होती जा रही है। रोजना हो रहे दुर्घटना से लोग सड़क पर चलने से परहेज कर रहे हैं।
डॉ. भगवान कुमार मिश्रा, प्राचार्य
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सड़क की बदहाल स्थिति ने कोसी के लोगों को सोचने पर विवश कर दिया है। आए दिन गाड़ियों के पलटने से घंटों जाम से लोगों को जूझना पड़ता है। बारिश के आते ही एनएच तालाब में तब्दील हो जाता है। तब न सड़क दिखाई देती है न ही सड़क पर बना गढ्डा। इसकी वजह से रोजाना दर्जनों लोग सड़क दुर्घटना के चपेट में आ रहे हैं।
कैलाश साह, व्यवसायी
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मधेपुरा जिला से सहरसा, सुपौल एवं पूर्णिया के साथ-साथ आसपास के क्षेत्रों में लगातार क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन किया जाता है। टूर्नामेंट में शामिल होने के लिए जिले के प्रतिभावान खिलाड़ियों को एनएच के बदले मौत के पथ पर सफर करना पड़ रहा है। इस दौरान कई बार खिलाड़ियों का चोटें भी आई है। जो खिलाड़ियों के मनोबल को तोड़ने का काम करता है।
अमित कुमार आनंद,
सचिव, जिला क्रिकेट संघ
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अखबार में रोजाना सड़क दुर्घटना में जख्मी एवं मौत की खबर से लोगों का एनएच पर सफर करने के नाम से ही पसीने छूट रहे हैं। मधेपुरा से सहरसा 25 किलोमीटर के सफर करने में लोगों को दो घंटे से ज्यादा का समय लग रहा है। विभागीय स्तर पर बरती जा रही लापरवाही के कारण कोसी के लोग 18 वर्षों से खराब सड़क का दंश झेलने को मजबूर हैं।
प्रकाश नारायण यादव
जिला परिषद
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जिला मुख्यालय होने के कारण आसपास के ग्रामीण इलाकों से छात्र-छात्राएं स्कूल एवं कोचिग में पढ़ने आते हैं। परंतु एनएच में बने गड्ढे से छात्र अपनी जान हथेली पर रखकर पढ़ने आते हैं। छात्रों की पढ़ाई पर इस प्रकार ग्रहण लगने से देश को आंतरिक रूप से प्रभावित कर रहा है। केंद्र व राज्य सरकार का ध्यान आकृष्ट कराने के लिए राज्यव्यापी आंदोलन करने की जरूरत है।
धीरज कुमार, छात्र
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एनएच 106 एवं 107 सिर्फ नाम का एनएच रह गया है। रोजाना हजारों गाड़ियों के आवाजाही जर्जर एनएच टूटकर बिखर गया है। बारिश के होते ही एनएच कीचड़मय हो जाता है। इसमें अक्सर गाड़ियां फंसती रहती है। विभागीय अधिकारी के उदासीनता के कारण संवदेक मनमानी कर रहे हैं। इसके कारण निर्माण कार्य अब तक पूर्ण नहीं हो पाया है।
सोना कुमार