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लगाते रहिए विद्युत कार्यालय का चक्कर, नहीं होगा काम

मधेपुरा : जिले के विद्युत कार्यालय में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। पदाधिकारी के रहने या न

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Sep 2018 05:21 PM (IST)Updated: Wed, 12 Sep 2018 05:21 PM (IST)
लगाते रहिए विद्युत कार्यालय का चक्कर, नहीं होगा काम
लगाते रहिए विद्युत कार्यालय का चक्कर, नहीं होगा काम

मधेपुरा : जिले के विद्युत कार्यालय में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। पदाधिकारी के रहने या न रहने से विद्युत विभाग के कार्य में कोई अंतर नहीं पड़ता है। कर्मचारी अपने कार्य को मनमाने तरीके से अंजाम देते हैं। विद्युत उपभोक्ता अपना कार्य कराने के लिए परेशान रहते हैं लेकिन उनकी कोई नहीं सुनता। जागरण ऑन द स्पॉट कार्यक्रम के तहत जब मंगलवार को टीम ने विद्युत कार्यालय का जायजा लिया तो कई तरह की अव्यवस्था नजर आई। कहीं कार्यालय में कार्यपालक अभियंता मौजूद है तो एसडीओ नहीं। नतीजतन लोगों को बिना पदाधिकारी से मिले वापस लौटना पड़ रहा था।

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गप्प मारने में व्यस्त दिखाई दिए बड़ा बाबू :

विद्युत कार्यालय में बड़ा बाबू अशोक कुमार एक-दूसरे के साथ गप्प लड़ाते दिखाई दिए। उनसे पूछने पर मालूम हुआ कि यहां लोग विद्युत की समस्या से परेशान हैं। उनकी समस्या पर किसी का ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इस बाबत उन्होंने कहा कि वे यहां सिर्फ कर्मचारी से संबंधित काम करते हैं। उनकी फाइलों से संबंधित कार्य को ही देखरेख करना उनका कार्य है। पब्लिक से संबंधित कोई कार्य वे नहीं करते हैं।

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उपभोक्ताओं को मनमाने ढंग

से भेजा जाता है बिजली बिल

बिल जमा करने के लिए कांउटर पर लोगों की भीड़ लगी हुई थी। कुछ लोग बिल जमा कर रहे थे तो कुछ अपनी समस्या से परेशान थे। परेशान होने वालों में घैलाढ़ से आने वाले बिनोद कुमार ने बताया कि मार्च 2018 तक उन्होंने बिजली बिल बकाया की सारी राशि जमा कर दी थी। परंतु अगस्त तक के भुगतान के लिए 10, 479 की राशि का बकाया भेज दिया गया। जब संबंधित अधिकारी से बात की तो उन्होंने बताया कि बिल ठीक है। यदि इसमें गड़बड़ी लग रहा है तो इसे जिला कार्यालय में जाकर सुधार करवाएं। यहां आने पर कार्य को टालमटोल किया जा रहा है। वहीं साथ आए घैलाढ़ निवासी कृतनारायण मंडल ने बताया कि उनका मीटर लगभग दो साल से जला हुआ है। और कई बार कहने के बावजूद मीटर को बदला नहीं जा रहा है। साथ हीं मार्च तक का बिल जमा कर दिया था। परंतु जले मीटर को बदलने की बजाय बिजली का बिल भी 10 हजार रुपया भेज दिया गया। इसपर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। शंकरपुर रायभीर पंचायत के बसंतपुर निवासी एक उपभोक्ता बिलट तांती ने बताया कि उन्हें 54,319 रुपये का बिल भेज दिया गया है। जबकि मार्च तक का सारा बिल जमा कर दिया था। इसके बावजूद विभाग के अधिकारियों से गुहार लगा रहा हैं कि बिल की जांच कर सही बिल दिया जाए। परंतु इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। तीन माह से परेशान हैं।

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भुगतान के लिए चक्कर लगा रहे कर्मचारी

आरआरएफ के कर्मचारी प्रवीण कुमार एवं सरिता कुमारी ने बताया कि वे लोग कुमारखंड प्रखंड में बिजली विभाग से संबंधित कार्य करते हैं। एक साल से हमलोगों को वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। इस संबंध में विभागीय अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे। भुगतान को टाल दिया जाता है।

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