अब तो एसपी अंकल ही दिला सकते हैं इंसाफ
मधेपुरा। पांच दिनों को ठंड का सितम झेलते हुए पुलिस प्रशासन के खिलाफ पीड़ित कला भवन परिसर
मधेपुरा। पांच दिनों को ठंड का सितम झेलते हुए पुलिस प्रशासन के खिलाफ पीड़ित कला भवन परिसर में अनशन पर बैठे हुए हैं। पुलिस प्रशासन इसकी सुध नहीं ले रही है। हत्यारोपित का नाम पुलिस के द्वारा हटा दिए जाने के खिलाफ पीड़ित के साथ सोमवार को काफी संख्या में बच्चे भी बैठे हुए थे। बच्चों से पूछे जाने पर कि किस लिए यहां बैठा हो? कहने लगे, दादा की हत्या कर दिया गया। आरोपित मां-पिता व चाचा की हत्या की धमकी दे रहे हैं। अब तो एसपी अंकल ही इंसाफ दिला सकते हैं।
पांचवें दिन अनशन स्थल पर बिदा देवी के साथ पूरा परिवार बैठा था। पति के हत्यारोपित की गिरफ्तारी होने के कारण वह कुछ बोल नहीं पा रही थी। अनशन स्थल पर ही तेतरी देवी, रीना देवी, अन्नू कुमारी, संतोष कुमार, शंभू कुमार सहित काफी संख्या में बच्चे मौजूद थे।
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आरोपित की गिरफ्तारी होने तक जारी रहेगा अनशन
पीड़ितों का कहना है कि हत्यारोपित की गिरफ्तारी तक अनशन जारी रहेगा। इससे पहले भी दो बार अनशन किया था। पुलिस अधिकारी के आश्वासन के बाद अनशन तोड़ा गया। अगस्त व सितंबर में अनशन में यह आश्वान दिया गया था कि अभियुक्त का नाम जोड़ दिया जाएगा। लेकिन अनशन खत्म होने के बाद पुलिस अपने बातों से मुकर गई। इस बार किसी की बात नहीं मानेंगे। जब कि हत्यारोपितों का नाम नहीं जोड़ा जाएगा व गिरफ्तारी नहीं की जाएगी। अनशन जारी रहेगा।
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12 लोगों का हटा दिया गया है नाम
स्वजनों का आरोप है कि हत्या के बाद 17 लोगों को नामजद किया गया था। लेकिन पुलिस ने अनुसंधान के दौरान 12 लोगों का नाम हटा दिया गया। बाद में सिर्फ एक व्यक्ति का नाम जोड़ा गया। अब तक मात्र पांच अभियुक्त की गिरफ्तारी की गई है। जब तक आरोपित की गिरफ्तारी व हटाए गए नाम नहीं जोड़ा जाता है अनशन जारी रहेगा।
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सड़क विवाद में हुई थी हत्या
मुरलीगंज थाना क्षेत्र के भदौल पंचायत में तीन जुलाई को सत्य नारायण यादव की सड़क विवाद में पीट-पीटकर कर दिया गया था। मामले में 17 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया था। भर्राही ओपी निवासी मुकेश कुमार ने बताया कि उनके चाचा की हत्यारोपित की पुलिस गिरफ्तारी नहीं कर रही है। उल्टे नामजद अभियुक्तों का नाम हटा दिया गया है।
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पीड़ित पक्ष को मिलेगा इंसाफ
मामले को वे देख रहे हैं। एसडीपीओ व एचएचओ को अनुसंधान जल्द पूरा करने को कहा गया है। ताकि पीड़ित पक्ष को इंसाफ मिल सके।
योगेंद्र कुमार
एसपी, मधेपुरा