गरीबी के कारण चंद रुपयों में बिक रही लाडली, दूल्हा बन आ रहे खरीदार
मधेपुरा जिले में लड़कियों को खरीदने दूसरे राज्यों से दूल्हा बनकर लोग आते हैं और कुछ हजार रुपयों का सौदा कर शादी होती है। शादी के बाद ले जाकर उन्हें सेक्स की मंडी में बेच देते हैं।
मधेपुरा [धर्मेंद्र भारद्वाज]। गरीबी के दंश में बेटियों तक का सौदा किया जा रहा है। आर्थिक तंगी से कुंठित हो चुकी सोच का ही परिणाम है कि चंद रुपयों में शादी के बहाने लड़कियां बेची जा रही हैं। खरीदार दूल्हा बनकर आ रहे हैं। ऐसी दुल्हनों में अधिकांश बाद में बाहर ले जाकर सेक्स रैकेट के दलदल में धकेल दी जाती हैं। यह मामला देश की संसद तक में गूंज चुका है, लेकिन हासिल शून्य है।
कोसी व सीमांचल में गरीब तबके के अभिभावकों को सब्जबाग दिखाकर बेटियों की शादी कराई जाती है। लड़की वाले दूल्हे से पैसे लेकर शादी कराते हैं। उसके बाद राजस्थान, पंजाब व हरियाणा ले जाकर इन लड़कियों को बेच दिया जाता है।
सूत्रों की मानें तो 50 हजार से एक लाख रुपये तक में लड़कियों का सौदा किया जा रहा है। इस कार्य में एक बड़ा गिरोह काम कर रहा है। मधेपुरा, पूर्णिया, कटिहार, सहरसा, कुरसेला सहित अन्य इलाकों में यह खेल जारी है।
पिछले दिनों सिंहेश्वर थाना क्षेत्र के बेहरी गांव में सुरेंद्र राम की 12 वर्षीया पुत्री प्रियंका की शादी राजस्थान के अधेड़ उम्र के वेद प्रकाश से की जा रही थी। शादी के लिए 35 हजार रुपये दिए गए थे। लड़की व ग्रामीणों के विरोध के बाद शादी रुकी।
सामने आ चुके हैं कई मामले
सिंहेश्वर में 35 हजार रुपये देकर 12 साल की नाबालिग से राजस्थान का एक अधेड़ शादी कर रहा था। लड़की के इन्कार व ग्रामीणों के विरोध से शादी रुकी। लड़का फरार हो गया। सिंहेश्वर थाना में सुलेखा देवी व नीरो यादव पर मामला दर्ज किया गया था।
पुरैनी निवासी अनुराधा की शादी एक साल पहले हुई थी। आर्थिक तंगी के कारण पिता की स्थिति ठीक नहीं थी। इस कारण पैसे लेकर उसकी शादी मुंबई में रहने वाले संजय के साथ की गई। विदाई के बाद से उसका कोई पता नहीं है।
मुरलीगंज की संगीता की शादी भी एक दलाल के माध्यम से गरीब पिता ने पैसे लेकर पंजाब के एक लड़के से की थी। शादी के बाद वह भी गायब है।
आलमनगर की रजनी व उदाकिशुनगंज की अर्चना को भी शादी के लिए खरीदकर राजस्थान ले जाया गया। वह भी उसके बाद से गायब है।
संसद में मामला उठा चुके पप्पू यादव
मधुपुरा के सांसद पप्पू यादव कहते हैं कि कोसी व सीमांचल में लड़कियों को बेचने के लिए बड़ा गिरोह काम कर रहा है। राज्य सरकार इस दिशा में में पहल नहीं कर रही है। जब बेटी ही नहीं बचेगी तो दहेज प्रथा क्या बंद कराएंगे! संसद में भी मामला उठाया गया है।