Move to Jagran APP

जीरो टिलेज और श्रीविधि तकनीक से धान की खेती पर जोर

मधेपुरा। जिले में धान की खेती को लेकर अभी से तैयारी शुरू कर दी गई है। कृषि विभाग की ओर

By JagranEdited By: Published: Sun, 31 May 2020 12:16 AM (IST)Updated: Sun, 31 May 2020 12:16 AM (IST)
जीरो टिलेज और श्रीविधि तकनीक से धान की खेती पर जोर

मधेपुरा। जिले में धान की खेती को लेकर अभी से तैयारी शुरू कर दी गई है। कृषि विभाग की ओर से किसानों को आधुनिक तकनीक से कम समय में होने वाले धान के बीज लगाने को प्रेरित किया जा रहा है। वहीं इस जीरे टिलेज और श्रीविधि तकनीक से धान की खेती करने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। कृषि विभाग के अधिकारियों का मानना है कि जीरो टिलेज और श्रीविधि तकनीक किसानों के लिए काफी लाभदायक है। इस तकनीक से खेती कर किसान कम समय में बेहतर उत्पादन कर सकते हैं। जिला कृषि पदाधिकारी राजन बालन ने बताया कि किसानों को अब कम समय में होने वाला धान ही लगाना चाहिए। इसके लिए कृषि विभाग किसानों को लगातार प्रोत्साहित कर रही है। उन्होंने बताया कि श्रीविधि तकनीक से खेती करने के इच्छुक किसानों को सौ प्रतिशत अनुदान पर बीज का कीट उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके लिए इच्छुक किसानों का ऑनलाइन आवेदन मांगा गया था। ऑनलाइन आवेदन करने वाले सभी 112 किसानों की सूची तैयार की जा रही है। इन किसानों को 3200 रुपये किट कृषि विभाग जल्द ही उपलब्ध कराएगी। वहीं जीरो टिलेज तकनीक से खेती करने के इच्छुक किसानों को भी सौ प्रतिशत अनुदान पर बीज का किट उपलब्ध कराया जाएगा।

loksabha election banner

बीज को ले किसानों को करना होगा ऑनलाइन आवेदन

कृषि विभाग की ओर से किसानों को शंकर धान के बीज को लेकर अनुदान दिया जा रहा है। इस बीज पर किसानों को 100 रुपये का अनुदान प्रति किलो दिया जाएगा। इसके लिए किसानों को कृषि विभाग के वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अभी तक पूरे जिले से करीब दस हजार किसानों आवेदन किया है। मालूम हो कि बीज के लिए ऑनलाइन आवेदन करने वाले किसानों को बिहार राज्य बीज निगम के अधिकृत विक्रेताओं के पास से बीज उपलब्ध होगा। बिहार राज्य बीज निगम के चार विक्रेता पूरे जिले में बीज उपलब्ध कराएंगे।

84 हजार हैक्टेयर में होगी खेती

पूरे जिले में करीब 84 हजार हैक्टेयर में धान की खेती को लेकर कृषि विभाग की ओर से तैयारी शुरू कर दी गई है। पूरे जिले में विभिन्न प्रभेदों के धान किसानों के द्वारा लगाया जाता है। वहीं धान की बेहतर पैदावार को लेकर कृषि विभाग ने परंपरागत विधि से खेती करने वाले किसानों को तकनीक का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित करने पर विशेष जोर दे रही है।

10 जून से 25 जुलाई तक उपयुक्त है समय धान की खेती को लेकर 10 जून से 25 जुलाई तक का समय काफी उपयुक्त माना जाता है। ऐसे में किसानों को उपयुक्त बीज ससमय उपलब्ध हो सके। इसको लेकर कृषि विभाग की ओर से तैयारी शुरू की गई है। कृषि विभाग के अनुसार मौसम चक्र में हो रहे बदलाव को देखते हुए किसानों को कम समय में होने वाले धान का प्रभेद लगाना अब काफी उपयुक्त होगा।

कोट मौसम चक्र में हो रहे बदलाव को देखते हुए कम समय में होने वाले धान का बीज लगाना चाहिए। इसके लिए किसानों को लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है। वहीं किसानों को अनुदानित दर पर धान के बीज का कीट उपलब्ध कराया जा रहा है। -राजन बालन, जिला कृषि पदाधिकारी

मधेपुरा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.