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व्यवसायी को गोली मारने से शहर के लोगों में दहशत

मधेपुरा। मधेपुरा शहर में तीन हफ्ते के भीतर अपराधियों ने एक ही दवा व्यवसायी को दो बार गोली

By JagranEdited By: Published: Fri, 27 Nov 2020 06:30 PM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2020 06:30 PM (IST)
व्यवसायी को गोली मारने से शहर के लोगों में दहशत
व्यवसायी को गोली मारने से शहर के लोगों में दहशत

मधेपुरा। मधेपुरा शहर में तीन हफ्ते के भीतर अपराधियों ने एक ही दवा व्यवसायी को दो बार गोली मार शहर की विधि व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया। इस घटना से शहर के लोग दहशत में हैं। शहर के भीतर इस तरह की वारदात से सभी लोग सहम गए हैं।

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पहली बार एक नवंबर को दवा व्यवसायी प्रेम कुमार सुमन को गोली मारी गई थी। यह समाजिक कार्यों से भी जुड़े रहते थे। सामाजिक संस्था लायंस क्लब के को-ऑर्डिनेटर भी थे। इसीलिए एक नवंबर की घटना के बाद लायंस क्लब के एक प्रतिनिधिमंडल एसपी से भी मिली थी। प्रतिनिधिमंडल ने अपराधियों की अविलंब गिरफ्तारी की मांग की थी। साथ ही यह अंदेशा उसी वक्त जताया था कि अपराधी ने जान से मारने की नीयत से गोली चलाई, लेकिन गोली लगने के बाद भी वो बच गए। ऐसे में संभावना है कि अपराधी पुन: हमला कर सकते हैं। इसीलिए जख्मी दवा व्यवसायी की सुरक्षा का भी इंतजाम का अनुरोध एसपी से किया गया था, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। पर्दाफाश से पहले पुन: हो गया हमला एक नवंबर को हुई घटना का उछ्वेदन पुलिस कर पाती इससे पहले ही गुरूवार को पुन: बदमाशों ने दुस्साहस का परिचय देते हुए घर में घुसकर गोली मार दी। बताया जाता है कि इससे पहले एक नवंबर को गोली मारने वाले बदमाशों की ही तरह इस बार हमला करने आए अपराधियों का हुलिया था। माना जा रहा है कि दोनो ही बार एक ही अपराधियों ने घटना को अंजाम दिया है। अपराधी घटना के बाद इतने बेफिक्र थे कि गोली मारने के बाद आराम से सबों के सामने हथियार लहराते निकल गया। तीन हफ्ते से पुलिस के हाथ खाली आखिरकार पुलिस के ऊपर बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि शहर में घटी बड़ी घटना के बावजूद तीन हफ्ते तक कर क्या रही थी। तीन हफ्ते अब तक न तो अपराधियों का पता लगा पाई और न ही घटना के कारणों का पता लगा पाई है। पुलिस अपनी नाकामी का ठीकरा भी पीड़ित के सर ही फोड़ रही है। पुलिस बार बार कह रही है कि पीड़ित से जानकारी नहीं मिल पा रही है। पकड़े गए बदमाशों की शिनाख्त कराई गई। लेकिन उसे पहचान नहीं पाए। दरअसल पुलिस की अपनी यह नाकामी है। पुलिस के अनुसंधान के इस तरीके पर आक्रोश भी है। पीड़ित को अपराधियों के बारे में जानकारी नहीं रहने पर क्या पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठे रहेगी। पुलिस के इस कार्यशैली से लोगों का भरोसा पुलिस से उठ जाएगा। कोट पुलिस मामले की सारे एंगल से जांच कर रही है। कुछ लीड पुलिस को मिली है। जल्द मामले का पर्दाफाश कर लिया जाएगा। इसके लिए सभी आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। -सुरेश कुमार चौधरी, डीआइजी, कोसी क्षेत्र, सहरसा


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