डॉ. कौशेलेंद्र के निधन से शिक्षा जगत को हुई अपूर्णीय क्षति
मधेपुरा। बीएनएमयू केमेस्ट्री के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. कौशलेन्द्र कुमार एक सफल शिक्षक थे। व
मधेपुरा। बीएनएमयू केमेस्ट्री के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. कौशलेन्द्र कुमार एक सफल शिक्षक थे। वे शिक्षण धर्म को ही सबसे बड़ा मानते थे। यही कारण है कि वे ओएनजीसी की नौकरी छोड़कर शिक्षण के क्षेत्र में आए। यह बात कुलपति डॉ. अवध किशोर राय ने कही। वे गुरूवार को नार्थ कैंपस स्थित रसायन शास्त्र विभाग में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में बोल रहे थे। कुलपति ने कहा है कि डॉ. कौशलेन्द्र एक सुयोग्य एवं कर्तव्यनिष्ठ शिक्षक थे। कमेस्ट्री के शिक्षक के रूप में उनकी पूरे बिहार में एक विशिष्ट पहचान थी। उनके निधन से न केवल बीएनएमयू, बल्कि पूरे बिहार की शिक्षा जगत को अपूर्णीय क्षति हुई है। विभिन्न कार्यक्रमों में उनकी सक्रिय भागीदारी रहती थी। वे हमेशा विश्वविद्यालय के विकास कार्यों में सहयोग देने को तत्पर रहते थे। इस अवसर पर बीएनमुस्टा के महासचिव डॉ. नरेश कुमार ने कहा कि डॉ. कौशलेन्द्र स्थापना काल से ही बीएनमुस्टा से जुड़े थे। वे इसके कार्यकारिणी के वरिष्ठ सदस्य थे। उन्होंने बताया कि डॉ. कौशलेन्द्र का जन्म छह जनवरी 1957 को हुआ था। उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से बी एससी., एम. एससी. एवं पी-एचडी की उपाधि प्राप्त की थी। उन्होंने दो नवंबर 1982 से बीएनएमयू में शिक्षक के रूप में योगदान दिया था। वे विभिन्न निकायों के सदस्य थे। इस अवसर पर प्रति कुलपति डॉ. फारुक अली, सामाजिक विज्ञान संकायाध्यक्ष डॉ. शिवमुनि यादव, विज्ञान संकायाध्यक्ष डॉ. अरूण कुमार मिश्र, वाणिज्य संकायाध्यक्ष डॉ. लम्बोदर झा, कुलानुशासक डॉ. अरूण कुमार यादव, कुलसचिव कर्नल नीरज कुमार, डॉ. आरके मल्लिक, डॉ. गणेश प्रसाद, डॉ. एचएलएस जौहरी, डॉ. आरकेपी रमण, डॉ. सीताराम शर्मा, डॉ. वैद्यनाथ प्रसाद, डॉ. अशोक कुमार यादव, डॉ. मोहित कुमार घोष, डॉ. मु. अबुल फजल, डॉ. अनिल कुमार, डॉ. डीके दयाल आदि उपस्थित थे।
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