नगर परिषद में 50 प्रतिशत टैक्स की हो रही वसूली
संवाद सूत्र मधेपुरा नगर परिषद में टैक्स वसूली का हालत काफी खरा है। आलम यह है कि प्रति
संवाद सूत्र, मधेपुरा : नगर परिषद में टैक्स वसूली का हालत काफी खरा है। आलम यह है कि प्रति वर्ष निर्धारित लक्ष्य के 50 प्रतिशत ही टैक्स की वसूली हो रही है। इस कारण नगर परिषद की आमदनी अपेक्षाकृत बढ़ नहीं पा रही है। इतना ही नहीं पिछले दो माह से नगर परिषद का साइट बाधित होने के कारण टैक्स की राशि जमा भी नहीं हो पा रही है। सूत्रों की माने तो नगर परिषद के इस शिथिलता को देखते हुए भविष्य में नगर विकास विभाग एजेंसी के माध्यम से टैक्स की वसूली की प्रक्रिया शुरू कर सकती है। विभाग का मानना है कि कर्मियों की कमी तथा नगर परिषद के वार्ड पार्षदों व कर्मियों की शिथिलता से कभी भी निर्धारित लक्ष्य की पूर्ति नहीं हो पा रही है। इस हालत में टैक्स वसूली की रफ्तार बढ़ाने के लिए विभाग मंथन कर रहा है। इसके साथ की होल्डिग वसूली का लक्ष्य कम निर्धारित किया गया है। लिहाजा राजस्व बढ़ाने के लिए विभाग पूरे सिस्टम को भी बदलने पर विचार कर सकती है। चार टैक्स दारोगा पर है 26 वार्डों से वसूली की जिम्मेदारी
जानकारी के अनुसार नगर परिषद मधेपुरा में 26 वार्ड है। नगर परिषद की शिथिलता के कारण अभी तक केवल 6200 होल्डिग की आनलाइन किया गया है। जबकि हकीकत यह है कि शहर में होल्डरों की संख्या इससे काफी अधिक है। नगर परिषद ने इन होल्डरों का नाम आनलाइन करने की दिशा में काई सकारात्मक पहल नहीं किया है। इससे नगर परिषद को राजस्व की क्षति हो रही है। इसके साथ ही इस दिशा में नगर परिषद द्वारा कोई कड़े कदम भी नहीं उठाए जा रहे हैं। गुटों में बंटे वार्ड पार्षद की वजह से किसी भी बैठक में ऐसे प्रस्ताव पर विचार नहीं किए गए। अब जब नगर परिषद को भंग कर दिया गया है और अभी तक प्रशासक की नियुक्त नहीं हुई है तो यह कार्य और मुश्किल हो गया है। आधा से अधिक नगरवासी नहीं करते हैं टैक्स का भुगतान नगर प्रशासन ने स्पष्ट रूप से कहा है कि शहर के आधा से अधिक लोग टैक्स जमा करने में रूचि नहीं दिखा रहे हैं। नगर परिषद में टैक्स दारोगा व कर्मियों की कमी है। शहर में ऐसे मकान का निर्माण हो रहा है जिसका कोई नक्शा भी नगर परिषद से पास नहीं है। निजी एजेंसी नए सिरे से होल्डिग का सर्वे करेगी। इससे राजस्व में वृद्धि होगी।
तीन करोड़ का सालाना हो सकता है टैक्स का निर्धारण सूत्रों की माने तो नई एजेंसी के हाथों में जाने से टैक्स का लक्ष्य तीन गुणे से अधिक निर्धारित हो सकता है। लक्ष्य पूरा करने के बाद ही एजेंसी को भुगतान किया जा सकता है। यही कारण है कि एजेंसी दिन-रात मेहनत करके वसूली का लक्ष्य पूरा करेगा। अभी व्यवसायिक प्रतिष्ठान से 18 रुपए तथा घरेलू से चार से 12 रूपए प्रति वर्ग फीट की दर से टैक्स की वसूली की जा रही है। संभावना यह भी है कि एजेंसी के हाथों में जाने के बाद इसकी दर बढ़ भी सकता है।
कोट नगर परिषद मधेपुरा में दो माह से टैक्स की राशि जमा नहीं हो पा रही है। इसका कारण है कि दो माह से आनलाइन करने वाला साईट ही बाधित है। इस दिशा में विभाग द्वारा कार्रवाई नहीं हो रही है। नगर में टैक्स वसूली की जवाबदेही चार टैक्स दारोगा पर है। साईट बंद होने के कारण निर्धारित लक्ष्य 1.32 करोड़ का महज 50 प्रतिशत टैक्स की वसूली की गई है। रूपेश कुमार, टैक्स दारोगा, नगर परिषद, मधेपुरा