जिदगी से है प्यार तो करें यातायात नियमों का पालन
मधेपुरा। यातायात नियमों की अनदेखी की कीमत जान देकर चुकाने के बावजूद भी लोग यातायात नियमों
मधेपुरा। यातायात नियमों की अनदेखी की कीमत जान देकर चुकाने के बावजूद भी लोग यातायात नियमों का उल्लंघन करते हैं। कई लोग तो यातायात नियमों का पालन करना अपनी शान के खिलाफ समझते हैं। पुलिस व परिवहन विभाग द्वारा इधर लगातार हेलमेट को लेकर चेकिग अभियान चलाई गई। बिना हेलमेट के चलने वाले लोगों को इसका जुर्माना भी खूब भरना पड़ा। पहले की अपेक्षा अब बिना हेलमेट वालों के लिए जुर्माना की राशि भी बढ़ा दी गई है। इसके बावजूद शत प्रतिशत लोग हेलमेट नहीं पहनते हैं। चारपहिया वाहनों पर सीट बेल्ट लगाना और बाइक पर हेलमेट लगाना लोग जरूरी नहीं समझते हैं। जबकि दुर्घटना होने की स्थिति में हेलमेट पहने रहने व सीट बेल्ट लगाए रहने से 70 प्रतिशत तक जोखिम कम हो जाती है। बाइक सवार की दुर्घटना होने की स्थिति में मृत्यु हेलमेट नहीं पहनने की वजह से हो जाती है। वहीं हेलमेट पहने व्यक्ति के दुर्घटना होने की स्थिति में भी जान की क्षति होने की संभावना न के बराबर रहती है।
ओवरलोड वाहन बनते हैं दुर्घटना के कारण ओवरलोडेड वाहनों का सड़कों पर परिचालन आम बात हो गया है। सवारी गाड़ी हो या माल ढुलाई वाहन दोनों ही क्षमता से अधिक लोड कर चला करती है। सवारी गाड़ियों पर छत तक पर सवारी को बिठा लिया जाता है। अपनी क्षमता दुगुना तक सवारियों को बस, ऑटो आदि पर बिठाया जाता है। वहीं ढ़लाई वाहन क्षमता से दो से तीन गुणा अधिक लोड लेकर चला करती है। जब वाहन चेकिग चलाया जाता है जो अधिकांश वाहन ओवरलोड पाई जाती है। इस वजह से वाहन चेकिग की सूचना मिलने पर चेकिग वाले रूट में तत्काल वाहन चलना रोक दिया जाता है। ट्रैक्टर -ट्रक अपनी क्षमता से कई गुणा अधिक वजन का माल लोड कर चला करती है। रैक प्वाइंट से निकलने वाले सभी ट्रैक्टर ओवरलोड ही रहती है।
गलती का भुगतना होता है खामियाजा खुद की गलती का खामियाजा दुर्घटना के रूप में कभी खुद को तो कभी दूसरों को भुगतना पड़ता है। सड़क पर चलते छोटे बड़े वाहन को नियमों का उल्लंघन करते देखा जा सकता है। रेस ड्राइविग व गलत तरीके से ओवरटेक करने के चक्कर में कई जाने जा चुकी है। दरअसल लोगों की मानसिकता बन चुकी है कि पकड़े जाने पर जुर्माना दे देंगे। लेकिन ऐसे लोग यह नहीं समझ पाते हैं कि नियमों का उल्लंघन उसे मौत के मुंह तक ले जा सकता है। यातायात नियमों का पालन नहीं किए जाने की वजह से दुर्घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है। यातायात नियमों का पालन करना तो कई लोग अपने शान के खिलाफ समझते हैं।
नाबालिग चालकों से जरा बच के सड़क पर नाबालिग चालकों को भी फर्राटा भरता देखा जा सकता है। खासकर ऑटो व बाइक पर सबसे अधिक नाबालिग चालक रहते हैं। कई बार तो ट्रैक्टर व ट्रकों तक पर नाबालिग चालकों को देखा गया है। चालक के साथ कुछ दिन खलासी में रहने के बाद सीधे स्टीयिरंग पकड़ लेते हैं। जिले में ड्राइवर ट्रेनिग का संस्थान नहीं रहने की वजह से भी लोग सड़क पर ही वाहन चलाकर सीखा करते हैं। नतीजा इस वजह से कई बार दुर्घटना हो जाती है।