सभी पंचायत प्रतिनिधियों को सार्वजनिक करना होगा चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा
मधेपुरा। चुनाव आयोग ने पंचायत चुनाव के पूर्व वर्तमान में विभिन्न पदों के सभी त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिि
मधेपुरा। चुनाव आयोग ने पंचायत चुनाव के पूर्व वर्तमान में विभिन्न पदों के सभी त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों को अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक करना अनिवार्य कर दिया है। इसके लिए चुनाव आयोग ने 31 मार्च 2020 तक की अवधि निर्धारित की थी, लेकिन विभागीय प्रशासनिक उदासीनता से अबतक उक्त निर्देश का अनुपालन अबतक नहीं किया जा सका है।
मालूम हो कि चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक कर जिले के वेबसाइट पर अपलोड करने के लिए पंचायती राज विभाग ने अबतक कई बार निर्देश जारी कर चुका है। कई बार विभागीय पदाधिकारी सहित त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के सभी पदधारकों को स्मारित किए जाने के बावजूद भी कट ऑफ डेट 31 मार्च के आधार पर अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक नहीं किया गया है। लिहाजा विभाग ने उक्त मामले को काफी गंभीरता से लिया है। इस संबंध में पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने एक बार फिर से सूबे के सभी जिला पदाधिकारियों व जिला पंचायती राज पदाधिकारियों को सख्त निर्देश दिया है। विभागीय अपर मुख्य सचिव के जारी पत्र में चर्चा है कि सभी जिला पदाधिकारी को पूर्व में त्रिस्तरीय पंचायत के सभी पदधारकों का बीते 31 मार्च तक चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा जिले की वेबसाइट पर अपलोड कराते हुए निर्धारित फार्मेट में अद्यतन रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा गया था। लेकिन किसी भी जिले से अब तक उक्त रिपोर्ट उपलब्ध नहीं कराया गया है। इससे स्पष्ट होता है कि इस मामले में जिला स्तर से कोई अभिरूचि नहीं ली जा रही है। साथ ही दिए गए निर्देश का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन किया जा रहा है। जो काफी खेदजनक है। जबकि उक्त मामले की सुनवाई सदस्य (न्यायिक) लोकायुक्त के समक्ष 23 फरवरी 2021 को की जानी है। विभागीय अपर मुख्य सचिव ने जिला पदाधिकारी से अनुरोध किया है कि जिला पंचायत राज पदाधिकारी के माध्यम से त्रिस्तरीय पंचायत के सभी पदधारकों की चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा जिले की वेबसाइट पर अपलोड कराते हुए यथाशीघ्र रिपोर्ट उपलब्ध कराया जाए। ताकि रिपोर्ट सदस्य (न्यायिक) लोकायुक्त को समर्पित किया जा सके। विभागीय अपर मुख्य सचिव ने अंतिम स्मार के माध्यम से डीएम निर्देशित किया है कि यदि जिला पंचायत राज पदाधिकारी के द्वारा संबंधित रिपोर्ट उपलब्ध नहीं कराया जाएगा तो उनके विरूद्ध अनुशासनिक कार्रवाई करते हुए रिपोर्ट विभाग को उपलब्ध कराया जाए।