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विभागीय उदासीनता से लाखों खर्च के बाद भी सूख रहे पौधे

मधेपुरा। प्रखंड क्षेत्र में पौधारोपण अभियान को गति देने के लिए पंचायतों में पौधे लगाने व पूर्व से

By JagranEdited By: Published: Wed, 30 Sep 2020 12:06 AM (IST)Updated: Wed, 30 Sep 2020 05:12 AM (IST)
विभागीय उदासीनता से लाखों खर्च के बाद भी सूख रहे पौधे
विभागीय उदासीनता से लाखों खर्च के बाद भी सूख रहे पौधे

मधेपुरा। प्रखंड क्षेत्र में पौधारोपण अभियान को गति देने के लिए पंचायतों में पौधे लगाने व पूर्व से लगाए गए पौधों के लिए विभाग द्वारा की गई पहल बेअसर साबित हो रही है। मुखिया के सहयोगियों को वनपोषक के रूप में रखने के आरोप कई बार स्थानीय ग्रामीण लगा चुके हैं। कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा पंचायतों में रोजगार सेवक के साथ पौधारोपण स्थल का निरीक्षण करने का विभागीय निर्देश का भी पालन नहीं किया जा रहा है। सूखे पौधों की सूची तैयार कर विभाग को भेजने में उदासीनता बरती जा रही है। इससे पौधे के संरक्षण, खाद डालने, फलदार पौधे लगाने नियमित रूप से उसमें पानी व खाद डालने के निर्देषों का भी पालन नहीं किया जा रहा है। इस वजह से पौधे सूख रहे हैं। प्रखंड क्षेत्र में पौधारोपण अभियान में मनरेगा के द्वारा सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। प्रखंड के राजगंज पंचायत स्थित सगरदीना वार्ड चार कब्रिस्तान के समीप से वार्ड पांच मध्य विद्यालय तक सड़क के दोनों किनारे पौधारोपण कार्य कराया गया। इसमें पानी एवं खाद डालने के अभाव में अधिकांश पौधे सूख चुके हैं। बताते चलें कि उक्त स्थल पर मनरेगा योजना से एक यूनिट पौधारोपण किया गया। इसके लिए 2.74 लाख रुपये की राशि खर्च की गई। वहीं प्रति यूनिट दो सौ पौधों पर एक चापाकल लगाने का प्रावधान है, लेकिन इसके आसपास एक भी चापाकल नहीं लगाया है। वनपोषक की प्रक्रिया कागजों पर सिमट गई।वहीं कार्य स्थल पर लगा बोर्ड पर कार्य प्रारंभ की तिथि 10 दिसंबर 2020 अंकित की गई है। इसमें कुल मानव दिवस की मापी 67907, योजना कोड 20278361 दर्शाया गया हैं। लेकिन दिसंबर माह में अभी तीन माह का समय है। ऐसे में पौधों की सुरक्षा के लिए लगाया गया गेबियन भी सड़ने लगा है। वहीं मनरेगा कार्यलय के एक कर्मी ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि उक्त योजना में वनपोषक को दो माह की राशि भी भुगतान की गई हैं। इस प्रकार की लीपापोती से लोगों में खासा आक्रोश है।

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कोट इस विषय में संबधित कर्मियों से जानकारी हासिल करने के बाद जानकारी दी जाएगी। कार्य स्थल पर लगी बोर्ड में कार्य प्रारंभ की तिथि लिखने में किस तरह की त्रुटि हुई हैं। इसका पता लगाकर सुधार कराया जाएगा। डॉ. संजीव कुमार

कार्यक्रम पदाधिकारी, मनरेगा

बिहारीगंज (मधेपुरा)


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