सरकारी जमीन से बेघर हुए भूमिहीनों को नहीं मिला आशियाना
मधेपुरा। अतिक्रमित सरकारी तालाब के किनारे से हटाए गए भूमिहीनों को प्रशासनिक स्तर पर बस
मधेपुरा। अतिक्रमित सरकारी तालाब के किनारे से हटाए गए भूमिहीनों को प्रशासनिक स्तर पर बसाने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। प्रशासनिक स्तर एक माह पूर्व चलाए गए इस अभियान के दौरान उदाकिशुनगंज प्रखंड की खाड़ा पंचायत के सूखासनी गांव में दर्जनों लोगों के घर उजाड़ गया। लेकिन बेघर परिवारों को बसाने के कोई उपाय नहीं किया गया। नतीजन कपकपाती ठंड में बेघरों का जीना मुहाल हो गया है। बेघर हुए करीब 35 परिवार खुले आसमान के नीचे जिदगी गुजारने को विवश है। तालाब के किनारे से हटाए गए थे भूमिहीन परिवार प्रशासन ने तालाब के किनारे बसे दर्जनों लोगों के घर उजाड़ दिया। जहां बेघर परिवार गांव के पास तंबू लटका कर जीवन यापन कर रहे हैं। जहां ठंड में बेघर हुए लोगों की मुश्किल बढ़ गई है। ठंड के ठिठुरन से लोगों की जिदगी पर सामत आ गई है। यहां पर भगवान भरोसे लोगों की जिदगी कट रही है। इस गांव के उपेंद्र ऋषिदेव और अखिलेश मेहता की एक एक गाय की मौत ठंड के कारण हो गई। जबकि ठंड की वजह से लोगों के आधा दर्जन बकरी की मौत हो गई है। वहीं लोगों का कहना है कि प्रशासन को बेघर करने से पहले बसाना चाहिए था। अब वह कहा रहेंगे। इसकी सुध लेना वाला कोई नहीं है।
जल संचय को लेकर कराया गया अतिक्रमणमुक्त सरकारी स्तर पर वर्षा के जल को संचयन के लिए सभी जल स्रोतों की पहचान कर उसका जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण कार्य पूर्ण कराने का निर्णय लिया है। इसके लिए राजस्व और भूमि सुधार विभाग ने ड्रोन या हेलीकॉप्टर के माध्यम से पूरे राज्यभर में सभी सार्वजनिक जल निकायों जैसे तालाबों, आहर-पाइन और कुंआ की पहचान करके विभाग पूरी रिपोर्ट तैयार करने की बात कही। इसी को लेकर 31 दिसम्बर 2019 को उदाकिशुनगंज प्रखंड क्षेत्र की खाड़ा पंचायत के वार्ड संख्या 12 सुखासनी गांव स्थित सरकारी तालाब के अधिकांश भाग को अतिक्रमण मुक्त कराया गया। फूस का घर हटाने के बाद बचे हुए पक्का मकान वाले परिवार को अतिरिक्त मोहलत दी गई है। अतिक्रमण हटाते ही बास विहीन बेघर हुए परिवार के लोगों को अतिशीघ्र बसाने की मांग भी तेज हो गई है। कड़ाके की ठंड जैसी मौसमी आपदा की घड़ी में माल मवेशी समेत आम लोगों का जनजीवन पुरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है।
बेघर हुए लोगों ने प्रशासन से लगाई गुहार अतिक्रमण मुक्त कराए गए तालाब के किनारे बसे बास विहीन परिवारों ने अंचलाधिकारी उदाकिशुनगंज को आवेदन देकर बास भूमि कि मांग की है। ताकि सरकार की ओर से उसे स्थाई आशियाना प्रदान की जा सके। जानकारी अनुसार पोखर के किनारे पर बसे पूर्णत: बास विहीन परिवार में सुनिता देवी, बबीता देवी, रूपम कुमारी, कृष्णा देवी, उमा देवी, नागो मेहता, छतीश मेहता, अखिलेश मेहता, कबूतरी देवी, ओल्ती देवी, राजो ऋषिदेव, उपेन्द्र ऋषिदेव, रामस्वरूप ऋषिदेव, पारो देवी, लुटन ऋषिदेव, मनोरमा देवी, मखिया देवी, पुना देवी, सीता देवी समेत शामिल हैं।