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बारिश ने किसानों के अरमानों पर फेरा पानी

मधेपुरा । सोमवार की संध्या से रात भर तेज हवा के साथ हुए मुसलाधार बारिश ने धान उत्पादक कि

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Oct 2021 07:10 PM (IST)Updated: Tue, 19 Oct 2021 07:10 PM (IST)
बारिश ने किसानों के अरमानों पर फेरा पानी
बारिश ने किसानों के अरमानों पर फेरा पानी

मधेपुरा । सोमवार की संध्या से रात भर तेज हवा के साथ हुए मुसलाधार बारिश ने धान उत्पादक किसानों पर जमकर कहर बरपाया है। बारिश थमने बाद जब किसान मंगलवार की सुबह अपने-अपने खेतों में लगे धान की फसल को देखने पहुंचे तो फसल की हालत देख जहां किसानों के पैरों तले से जमीन खिसक गई। वहीं खून-पसीना एक कर उपजाए धान के पौधे खेतों में पटे देख उसके हलक सूखने लगे। मालूम हो कि अचानक हुए मुसलाधार बारिश से प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न बहियारों में लगे जहां सैकड़ों एकड़ में लगी लगभग तैयार होने वाली लहलहाती धान की फसल के पौधा टूटकर जमीन पर बिखर से गए हैं। वहीं कहीं खेत में काटने लायक फसल बर्बाद हुआ तो कहीं बाली में अंकुरण निकल रहे फसल बरबाद हो गई है। जबकि विभिन्न प्रकार के सबरजीत के फसल को भी व्यापक क्षति पहुंची है। जबकि खेतों में जलजमाव होने की वजह से आगामी रबी फसल के उत्पादन पर भी ग्रहण लग गया है। अचानक हुए बारिश ने धान,सब्जी एवं रबी फसल उत्पादक किसानों पर आफत की बारिश कर उसकी कमर तोड़ दी है। किसानों के धान की फसल बर्बाद

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प्रखंड क्षेत्र के किसान रामचन्द्र प्रसाद सिंह, विनोदानंद सिंह, अरुण दास, मणीकांत मेहता, रामकुमार चौधरी, भिखारी यादव, शंभू मेहता, मनोज यादव, राजेश रोशन, अरूण मेहता, अनोज मेहरा, राजेंद्र मेहरा, गौरी यादव, लक्ष्मीकांत चौधरी, सचिदानंद मेहता, अर्जुन मड़र, संजय यादव, अरूण मेहता, मु.सहादत, सुनील पासवान, हिमांशु कुमार, संतोष मेहता, सचितानंद मेहता, धर्मेंद्र यादव, दिलचंद ऋषिदेव आदि ने बताया कि उन सभी ने इसबार जमकर धान की खेती की थी। मौसम के लगातार साथ दिए जाने से धान का उत्पादन भी अपेक्षाकृत काफी अच्छा होने की उम्मीद जगी थी। लेकिन धान उत्पादक किसानों की आशा मूसलाधार बारिश की भेंट चढ़ गया। सारी उम्मीदें चकनाचूर हो गए। पकने के कगार पर पहुंच चुके फसल को अचानक आए बारिश ने बर्बाद कर तबाही मचा दी। ठेका पर जमीन लेकर की थी खेती

दर्जनों किसानों ने बताया की वे सभी जमींदारों से ठेका पर जमीन लेकर धान की खेती किया था। फसल भी अच्छी लगी थी। लेकिन तेज हवा के साथ हुए मुसलाधार बारिश ने सब बर्बाद कर दिया। फसल के साथ लागत पूंजी भी डुब गया।अब जमींदारों को 15 से 12 हजार रुपए प्रति बीघा के हिसाब से उसके रुपए का चुकता कहां से करेंगे। यह सोचकर किसानों के हलक सूखने लगे है।

तेज हवा के साथ हुई बारिश से धान फसल के व्यापक क्षति होने की सूचना मिल रही है। फसल क्षति के आकलन को लेकर विभागीय स्तर से कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है। दिशा निर्देश मिलते ही क्षति का आकलन कराया जाएगा।

ओमप्रकाश यादव

प्रखंड कृषि पदाधिकारी

पुरैनी


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