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दस साल बाद भी रेलसेवा में मधेपुरा पीछे

By Edited By: Published: Fri, 12 Sep 2014 07:56 PM (IST)Updated: Fri, 12 Sep 2014 07:56 PM (IST)
दस साल बाद भी रेलसेवा में मधेपुरा पीछे

जागरण संवाददाता, मधेपुरा : रेलवे यातायात की दृष्टि से मधेपुरा आज भी पिछड़ा है। दस वर्ष बीतने के बाद भी मधेपुरा से पूर्णिया रेलखंड पर आज भी आमान परिवर्तन (बड़ी लाइन) का काम अधूरा है। किस्त में हो रहे इस रेलखंड पर आमान परिवर्तन की कछुआ चाल से लोगों का धैर्य जबाव देने लगा है। फिलहाल मुरलीगंज से आगे पूर्णिया तक बड़ी रेल लाइन बिछाने का काम आज भी पूरा नहीं हो पाया है। ऐसे में बनमनखी-बिहारीगंज रेलखंड की बात करना भी बेईमानी होगी। ऐसा तब है जब पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव तक मधेपुरा का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं लेकिन रेल सेवा की बदहाली दूर होना बाकी है। सीधे पूर्णिया जाने के लिए आज भी बस सेवा का ही सहारा है। ज्ञात हो कि चार जून 2004 को दौरम मधेपुरा रेलवे स्टेशन पर रेलमंत्री नीतीश कुमार और सांसद शरद यादव द्वारा किये गये शिलान्यास कार्य का शिलालेख लोगों को मुंह चिढ़ा रहा है। यद्यपि सहरसा से पटना जाने वाली कोसी एक्सप्रेस का विस्तार मुरलीगंज तक किया गया है लेकिन अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।

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2004 में शुरू हुए इस आमान परिवर्तन कार्य की रफ्तार ऐसी रही कि 2010 में छह वर्ष बाद सहरसा से मधेपुरा तक (22 किमी) ही आमान परिवर्तन कार्य पूरा कर रेलवे सो गई। तत्कालीन सांसद शरद यादव के प्रयास के बाद मधेपुरा से मुरलीगंज तक अगले 22 किमी कार्य को पूर्ण कर 2013 में ट्रेन चलाई गई। अभी ट्रेन मुरलीगंज तक ही जाती है। अब मुरलीगंज से आगे बनमनखी तक 18 किमी आमान परिवर्तन कार्य पूरा हो चुका है। लेकिन इसकी सीआरएस जांच कब होगी तो रेलवे का पुराना जवाब है-शीघ्र ही। गौरतलब है कि इस बाबत तत्कालीन सांसद शरद यादव को 4 सितम्बर 2013 को तत्कालीन रेलमंत्री मल्लिकार्जुन खर्गे ने लिखित रूप से यही कहा था कि मुरलीगंज से बनमंखी पथ की तकनीकी औपचारिकता शीघ्र पूरी होगी।

बहरहाल इससे आगे बनमंखी से कृत्यानंद नगर (22 किमी) तक का आमान परिवर्तन कार्य पूर्व से चालू है और शीघ्र ही कार्य पूर्ण होगा, यह भी रेलमंत्री (तत्कालीन) ने आश्वस्त किया था। इससे बढ़कर कृत्यानंदनगर से पूर्णिया (10 किमी) का आमान परिवर्तन कार्य भी इसी वित्तीय वर्ष में पूरा होगा, यही आश्वासन तत्कालीन रेल मंत्री ने उस पत्र में दिया था।

हालांकि नई सरकार ने रेलवे में आमान परिवर्तन कार्य को पूरा करने का बीड़ा उठाया है, लेकिन यह सपना कब हकीकत बनेगा यह बताने के लिए रेल विभाग तैयार नहीं है।


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