विद्यार्थियों को आधुनिक शिक्षा का मिल सकेगा लाभ
लखीसराय । केंद्र सरकार द्वारा देश में लागू की गई नई शिक्षा नीति आने वाले दिनों में भारत के
लखीसराय । केंद्र सरकार द्वारा देश में लागू की गई नई शिक्षा नीति आने वाले दिनों में भारत के भाग्य की नई लकीर खींचेगी। विद्यार्थियों को उनके मनोनुकूल और आधुनिक शिक्षा मिल सकेगी। रोजगार परक और तकनीकी शिक्षा का विकास हो सकेगा। बच्चों को क्षेत्र चुनने की आजादी होगी। एक तरह से कहें तो छात्रों को बिना मतलब के सिलेबस से मुक्ति मिल सकेगी। क्षेत्र के शिक्षाविदों ने दैनिक जागरण के साथ इस नई शिक्षा नीति पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। नई शिक्षा नीति में आर्ट्स एवं साइंस विषयों को मिला दिया गया है। यह एक सराहनीय कार्य है। इससे वैसे छात्र छात्राओं को काफी मदद मिलेगी जो गणित एवं विज्ञान के साथ साथ हिदी एवं संस्कृत की भी पढ़ाई करना चाहते हैं। वहीं नई शिक्षा नीति में कौशल विकास को शिक्षा के साथ जोड़कर बहुत ही अच्छा कार्य किया गया है। इससे छात्रों की पढ़ाई बेकार नहीं जाएगी। वे शिक्षा प्राप्त कर उससे रोजगार सृजन कर अपने पैरों पर खड़ा हो सकेंगे। वहीं मेधावी छात्र के साथ जाति के नाम पर जो अन्याय हो रहा है उसका भी निराकरण होना चाहिए था। इससे कि मेधावी छात्र अपने देश से पलायन कर दूसरे देश में जाकर अपनी मेधा का उपयोग न कर सकें। प्रो. नरेंद्र कुमार सिंह, पूर्व प्राध्यापक, बीएनएम कॉलेज, बड़हिया
नई शिक्षा नीति में दो अलग राज्यों के छात्र-छात्रा अपनी मातृ भाषा में एक से पांच वर्ग में अब शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं। यह एक सराहनीय कार्य है। इस नई शिक्षा नीति से बच्चों के कंधे से किताबों का भारी बोझ हल्का हो जाएगा। अब बच्चों को संस्कार उन्नयन के लिए अपने देश के महापुरुषों के जीवन वृत्त के बारे में अवगत कराया जाएगा। उसे पढ़कर बच्चे अपनी संस्कृति एवं इतिहास के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। वहीं शिक्षा में कौशल विकास को जोड़ा गया है, यह बहुत ही सराहनीय कार्य है। इससे शिक्षा पाकर बच्चे को आगे चलकर रोजगार करने में सहूलियत होगी। डॉ. सत्येंद्र अरुण, पूर्व प्राध्यापक, बीएनएम कॉलेज, बड़हिया
नई शिक्षा नीति में पहले से सिलेबस को कम किया गया है। वहीं सब्जेक्टिव से ऑब्जेक्टिव पढ़ाई को बढ़ावा दिया गया है। कौशल विकास को शिक्षा से जोड़कर बहुत ही सराहनीय कदम उठाया गया है। इससे अब शिक्षा बेकार नहीं जाएगी। छात्र शिक्षा प्राप्त कर अब रोजगार कर सकते हैं। नई शिक्षा नीति में विश्व लेवल के शैक्षणिक माहौल को देखते हुए संस्कृत की भाषा को विशेष महत्व दिया गया है। भारतीय नैतिकता का ज्ञान रखते हुए आधुनिक शिक्षा का लाभ अब सब को मिलेगा। इससे पुरुषों के अलावा महिलाओं को ज्यादा बढ़ावा मिलेगा।
प्रो. गोरे लाल शर्मा, प्राध्यापक, महिला कॉलेज, बड़हिया
नई शिक्षा नीति में वर्तमान में सक्रिय 10 2 के शैक्षिक मॉडल के स्थान पर शैक्षिक पाठ्यक्रम को 5 3 3 4 प्रणाली के आधार पर विभाजित करने की बात कही गई है। इससे बीच में पढ़ाई छोड़ने वाले छात्रों को भी लाभ मिलेगा। उसकी पढ़ाई बेकार नहीं जाएगी। तकनीकी शिक्षा, भाषाई बाध्यताओं को दूर करने, दिव्यांग छात्रों के लिए शिक्षा को सुगम बनाने आदि के लिए तकनीकी के प्रयोग को बढ़ावा देने पर बल दिया गया है। इससे शिक्षा प्राप्त कर रोजगार को बढ़ावा मिलेगा। नई शिक्षा नीति में छात्रों में रचनात्मक सोच, तार्किक निर्णय और नवाचार की भावना को प्रोत्साहित करने पर बल दिया गया है जो एक सराहनीय कार्य है। प्रो. डॉ. भवानी कुमारी, प्राध्यापक, महिला कॉलेज, बड़हिया