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एक सप्ताह में 170 मिलीमीटर से अधिक हुई बारिश

लखीसराय। मानसून के प्रवेश के पहले से ही लखीसराय जिले में बारिश हो रही है। इधर एक सप्ताह

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Jun 2021 06:12 PM (IST)Updated: Mon, 21 Jun 2021 06:12 PM (IST)
एक सप्ताह में 170 मिलीमीटर से अधिक हुई बारिश
एक सप्ताह में 170 मिलीमीटर से अधिक हुई बारिश

लखीसराय। मानसून के प्रवेश के पहले से ही लखीसराय जिले में बारिश हो रही है। इधर एक सप्ताह से लगातार रूक-रूककर बारिश हो रही है। इससे धान उत्पादक किसानों के चेहरे खिले हुए हैं वहीं गरमा फसल को नुकसान होने से किसान मायूस भी हैं। मई माह में औसत वर्षापात से पांच गुना अधिक बारिश हुई जबकि जून में भी झमाझम बारिश हो रही है। आंकड़ों की बात करें तो एक सप्ताह में ही पूरे जून के औसत वर्षापात से ज्यादा बारिश हो चुकी है। इस बारिश ने गरमा फसल को भारी नुकसान पहुंचाया है तो धान की फसल के लिए जलाशयों में पर्याप्त जल संचय हो गया है। नुकसान तो बोआई में विलंब होने से खरीफ मक्का और अरहर की फसलों का भी होना है जिसका परिणाम बाद में दिखाई देगा। गली और सड़क की बात करें तो बाजार से लेकर गांव तक कीचड़ और पानी का साम्राज्य हो गया है। चानन प्रखंड में एक सप्ताह के भीतर 170 मिलीमीटर से अधिक की बारिश दर्ज की गई है जबकि जून का सामान्य वर्षापात 165.5 है।

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चानन प्रखंड में औसत वर्षापात का आंकड़ा 13 जून : 10.4 मिलीमीटर 14 जून : 18.04 मिलीमीटर 15 जून : 16.04 मिलीमीटर 16 जून : 18.00 मिलीमीटर 17 जून : 72.04 मिलीमीटर 18 जून : 00.00 मिलीमीटर 19 जून 06.04 मिलीमीटर 20 जून 20.04 मिलीमीटर 21 जून 08. 04 मिलीमीटर ----

बासकुंड एवं मोरवे जलाशय का बढ़ा जलस्तर

एक हफ्ते से रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण बासकुंड जलाशय का जलस्तर आठ फीट ऊपर हो गया है। इससे धान की फसल की सिचाई साढे तीन सौ हेक्टेयर होने का लक्ष्य है। जबकि जलाशय में कुल 12 फीट पानी रहने का स्टोर है। जबकि मोरवे जलाशय में भी आठ फीट पानी ऊपर है। इससे चानन, कजरा व सूर्यगढ़ा के लगभग छह सौ हेक्टेयर में खेतों की सिचाई का लक्ष्य है। जबकि यहां 28 फीट पानी रहने का स्टोर है। यह किसानों के लिए राहत की खबर है। ---

बारिश से लाभ और हानि

चानन में लगातार रुक-रुक कर हो रही बारिश से गर्मा फसल मूंग को हानि हुआ है। अरहर व मक्का फसल की बोआई में विलंब होने से इस फसल की भी हानि हुई है। साथ ही सब्जी की खेती को काफी नुकसान हुआ है। खरीफ फसल धान के बिचड़े की बोआई में यह बारिश लाभदायक साबित हुई है। किसान सुबोध यादव, अशोक यादव, उमेश यादव, विजय यादव, तनिक लाल यादव, धुनी यादव, अरविद सिंह आदि ने बताया कि जलाशय में पानी जमा हो जाने से इस बार धान की बंपर रोपनी, खेती एवं उत्पादन होने की उम्मीद है।

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पर्याप्त बारिश से किसानों को हानि से कई गुणा अधिक लाभ हुआ है। बारिश से ससमय धान के बिचड़े की बोआई होने से धान का पौधा स्वस्थ होगा। वहीं मूंग की फसल के पौधे खेतों में जमे पानी से सड़ने के बाद खाद का काम करेगा। इससे भी किसानों को फायदा ही होगा।

सुशील कुमार, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, चानन


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