Move to Jagran APP

गंगा व अन्य नदियों को संरक्षित करने के लिए आगे आएं युवा

लखीसराय। गंगा को निर्मल बनाने के लिए शुरू हुई अतुल्य गंगा परिक्रमा पद यात्रा में शामिल अधिकारि

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Mar 2021 06:10 PM (IST)Updated: Thu, 04 Mar 2021 06:10 PM (IST)
गंगा व अन्य नदियों को संरक्षित करने के लिए आगे आएं युवा
गंगा व अन्य नदियों को संरक्षित करने के लिए आगे आएं युवा

लखीसराय। गंगा को निर्मल बनाने के लिए शुरू हुई अतुल्य गंगा परिक्रमा पद यात्रा में शामिल अधिकारियों की गुरुवार स्थानीय बालिका विद्यापीठ स्थित गीता भवन में भव्य स्वागत किया गया। स्कूल की प्राचार्य शैलेंद्र कुमार ने पद यात्रियों का अभिनंदन बुके देकर किया। इस मौके पर संस्थान के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी आलोक राज, शहर के चिकित्सक मेजर चंद्रमोहन प्रसाद, सेवानिवृत्त प्राचार्य शशिभूषण कुमार, सामाजिक कार्यकर्ता विनायक कुमार उर्फ बिट्टू सहित विद्यालय के शिक्षण मौजूद थे। सबों ने विद्यालय परिसर में पौधारोपण किया। साथ ही कहा कि, गंगा नदी हमारे देश व हमारी संस्कृति की पहचान व अमूल्य धरोहर है। गंगा सहित अन्य नदियों को संरक्षित करने के लिए युवाओं को आगे आना होगा। गंगा को संरक्षित करने के लिए निकली परिक्रमा यात्रा गोमुख से गंगा सागर तक गई। अब गंगा सागर वापस गोमुख जा रही है।

loksabha election banner

गुरुवार को पदयात्रा का 78 वां दिन था। इस परिक्रमा के पद यात्रियों में मुंडमाल परिक्रमा के संस्थापक पर्वतारोही गोपाल शर्मा, अवकाश प्राप्त कर्नल आरपी पांडेय, एडवेंचरर हिरेन पटेल, वरिष्ठ छाया पत्रकार रोहित उमराव, इंदु, रोहित कुमार शामिल थे। इस परिक्रमा का मूल उद्देश्य भारतीय संस्कृति की पहचान गंगा की स्वच्छता हेतु जनसामान्य को जागृत करना है। यह परिक्रमा 14 अगस्त को प्रयागराज में समाप्त होगी। बालिका विद्यापीठ परिसर में बच्चों ने सभी पदयात्रियों को तिलकाभिषेक करते हुए पुष्प पंखुड़ियों से अभिनंदन किया। छात्रा निष्ठा, रितुराज, दीपा भगत, सौम्या तथा सांभरी ने मंगलाचरण व स्वागत गीत की प्रस्तुति की। संगीत शिक्षक वरुण मांझी, पार्था सरकार व रजनीश ने मानो तो मैं गंगा मां हूं न मानो तो बहता पानी गीत गाकर गंगा नदी के महत्व पर प्रकाश डाला। विज्ञान शिक्षक नील निरंजन ने अतुल्य गंगा अभियान के तहत इस परिक्रमा का विस्तृत परिचय दिया। जबकि प्राचार्य शैलेंद्र कुमार ने स्वागत भाषण में गंगा, गीता, गौ व गायत्री को भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण अंग बताया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.