अस्ताचलगामी सूर्यदेव को दिया अर्घ्य, घाटों पर उमड़ी भीड़
लखीसराय। उगो हो सूरजदेव भेले अरग के बेरिया केलबा के पात पर.. हे दीनानाथ.. आदि छठ
लखीसराय। उगो हो सूरजदेव, भेले अरग के बेरिया, केलबा के पात पर.., हे दीनानाथ.. आदि छठ गीतों से माहौल छठमय बना हुआ है। महापर्व चैती छठ के तीसरे दिन गुरुवार को जब सूर्य ढलने लगा तो छठ व्रती व श्रद्धालु छठ घाटों की ओर पैदल चल पड़े। महिलाएं छठ मैया की गीत गा रही थी। शाम 5:30 बजे के बाद व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित किया। मुख्यालय में किऊल नदी के विभिन्न घाटों के अलावा शहर के पचना रोड स्थित संसार पोखर, नया बाजार में अष्टघटी तालाब में श्रद्धालुओं ने अर्घ्य अर्पित किया। किऊल नदी में पानी का अभाव रहने के कारण कई छठ पूजा समिति द्वारा बोरिग लगाकर व्रतियों के लिए पानी की व्यवस्था की। शहर के पुरानी बाजार में महावीर स्थान घाट एवं सूर्यदेव घाट पर व्रतियों की काफी भीड़ थी। सूर्यदेव घाट पर नदी में पानी नहीं के कारण पूजा समिति ने व्रतियों के लिए एक सीमेंटेड अस्थाई छोटा सा तालाब आकार का निर्माण कर बोरिग से उसमें पानी भरा। उसमें व्रतियों ने स्नान किया। इसके बाद भगवान सृयदेव को अर्घ्य अर्पित की। इस घाट पर काफी संख्या में महिला श्रद्धालु पहुंचे थे। पूजा समिति द्वारा मुख्य मार्ग से लेकर घाट तक फूल व रंगोली से सजाया गया था। व्रतियों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो इसके लिए पूजा समिति के लोग सक्रिय रहे। उधर महावीर स्थान घाट पर भी काफी भीड़ रही। स्थानीय वार्ड पार्षद रंजीत कुमार गुप्ता की देखरेख में घाट की साफ-सफाई कर सजाया गया। नदी में काफी कम पानी में ही व्रतियों ने अर्घ्य दिया। नया बाजार में सूर्यनारायण घाट, बजरंगबली घाट पर भी व्रतियों ने अर्घ्य दिया। जिले के ग्रामीण अंचलों में भी आस्था व श्रद्धा के साथ श्रद्धालुओं ने नदी, तालाब एवं अपने घाटों में अस्ताचलगामी सूयदेव को अर्घ्य दिया।