नया टोला बरमसिया के सपने हो गए दफन
लखीसराय। नक्सल प्रभावित बुधौली बनकर पंचायत अंतर्गत पहाड़ों के बीच स्थित बरमसिया गांव विकास की
लखीसराय। नक्सल प्रभावित बुधौली बनकर पंचायत अंतर्गत पहाड़ों के बीच स्थित बरमसिया गांव विकास की रोशनी से दूर है। वहां सरकार की योजनाओं को पहुंचाने में कठिनाई को देखते हुए तत्कालीन जिलाधिकारी सुनील कुमार ने गांव को पहाड़ से बाहर निकालकर मैदानी इलाके में बसाने का निर्णय लिया था। इसके तहत पंचायत क्षेत्र के ही लक्ष्मीनिया गांव स्थित लक्ष्मीनिया मौजा में बसाने का मास्टर प्लान तैयार किया गया था। जिला से लेकर प्रखंड स्तर तक पदाधिकारियों की बैठक होती थी। गांव का नाम नया टोला बरमसिया कोड़ासी रखा गया और इसे मॉडल गांव बनाने की नीति पर विचार किया जाने लगा। 60 से 70 परिवार बरमसिया से आकर प्रशासन द्वारा चिह्नित जमीन पर आकर बस गया। तत्कालीन डीएम ने वहां पेयजल, शौचालय, सामुदायिक भवन, प्रधानमंत्री आवास के साथ ही विद्यालय भवन बनाए जाने पर विचार किया था। लेकिन उन 70 परिवार के करीब पांच सौ की आबादी को कोई सुविधाएं मुहैया नहीं कराई गई है। पेयजल के लिए जिला प्रशासन के द्वारा लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के द्वारा एक टंकर पानी पहुंचाया जा रहा है। लोग अपनी दिनचर्या के हिसाब से पानी लेकर स्टॉक रखते हैं। यदि अतिरिक्त पानी की जरूरत होती है तो उन्हें भटकना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि तत्कालीन डीएम के आदेश पर वे लोग गांव-घर छोड़कर आ गए लेकिन यहां वहां से भी अधिक समस्याएं हैं। ग्रामीण जानकी कोड़ा, जगेश्वर कोड़ा, उमेश कोड़ा, बच्चू कोड़ा, विजय कोड़ा, रतन कोड़ा, नंदन कोड़ा, गीता देवी, चमेली देवी, कारी देवी, रेखा देवी, पुतुल कुमारी आदि ने बताया कि जिला प्रशासन उन लोगों की सुध नहीं ले रहा है। इस बाबत पूछने पर सूर्यगढ़ा के प्रखंड विकास पदाधिकारी अभिषेक कुमार प्रभाकर ने कहा कि जंगलों से बाहर बसे लोगों का सर्वे कराया जाएगा। उसके बाद अंचलाधिकारी के द्वारा वासगीत पर्चा देकर उसे सुविधा मुहैया कराई जाएगी। लेकिन कब तक के सवाल को वे टाल गए।