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जिले में बीमार पड़ी है आयुष्मान भारत योजना

लखीसराय। गरीबों को स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए शुरू की गई आयुष्मान भारत योजना लखीसराय जिले में ब

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Nov 2018 07:32 PM (IST)Updated: Mon, 19 Nov 2018 07:32 PM (IST)
जिले में बीमार पड़ी है आयुष्मान भारत योजना
जिले में बीमार पड़ी है आयुष्मान भारत योजना

लखीसराय। गरीबों को स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए शुरू की गई आयुष्मान भारत योजना लखीसराय जिले में बीमार पड़ गई है। ऐसा इस योजना की अब तक की प्रगति को देखकर कह सकते हैं। स्थिति यह कि राज्य मुख्यालय में योजना की हुई समीक्षा में लखीसराय सहित राज्य के दस जिले में प्रगति शून्य पाई गई।

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यह उपलब्धि काफी निराशाजनक कही गई है। दरअसल सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का प्रचार-प्रसार नहीं होने, विभागीय पदाधिकारियों के रुचि नहीं लेने एवं बगैर किसी आधारभूत संरचना एवं मानव बल के योजना शुरू किए जाने के कारण यह योजना फाइलों में दम तोड़ती प्रतीत होती है। इसे जीवन दान देने के उद्देश्य से मुख्यालय के आदेश पर दो सदस्यीय टीम सोमवार को लखीसराय पहुंची। टीम ने सदर अस्पताल लखीसराय, पीएचसी हलसी एवं रामगढ़ चौक जाकर विभागीय पदाधिकारी ने योजना की पड़ताल की और आवश्यक निर्देश भी दिए। टीम के सदस्यों ने कहा कि योजना को रफ्तार देने के लिए विभागीय कर्मी को जागरूक किया जाएगा।

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योजना की अब तक की प्रगति का हाल

सदर अस्पताल लखीसराय सहित जिले के सभी पीएचसी को इस योजना से टैग किया गया है। जहां लाभुकों को योजना का लाभ मिलेगा। रिपोर्ट के अनुसार जिले के कुल 80 पंचायतों में 71,678, नगर परिषद लखीसराय में 2,221, नगर पंचायत बड़हिया में 6,791 सहित कुल 80,690 परिवार को योजना का लाभ देने के लिए चिह्नित किया गया है। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में अब तक मात्र सदर अस्पताल लखीसराय में आठ मरीजों ने इस योजना के तहत निबंधन कराया है। जिसमें चार का इलाज कर अस्पताल से छुट्टी दे दी गई और चार का इलाज चल रहा है। शेष जिले के किसी भी पीएचसी में अब तक एक भी निबंधन नहीं हुआ है। अभी तक मात्र 150 परिवारों को गोल्डन कार्ड मिला है।

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आधारभूत संरचना और मानव बल भी नहीं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते 23 अक्टूबर को आयुष्मान भारत योजना की शुरूआत की। लेकिन सरकारी अस्पतालों में ना तो इसके लिए अलग से कोई आधारभूत संरचना उपलब्ध कराई गई और ना ही कोई मानव बल। जिसका असर योजना पर हो रहा है। यही कारण है कि योजना के तहत आवेदन का निबंधन, आवेदन की स्वीकृति एवं गोल्डन कार्ड का वितरण पूरी तरह प्रभावित हो रहा है। जिन पदाधिकारियों को योजना में तेजी लाने की जिम्मेदारी दी गई है। उनमें भी योजना को लेकर उत्साह नजर नहीं आ रहा है। जिले के अधिकांश त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधि से लेकर गरीब परिवारों को भी योजना के बारे में पूरी जानकारी नहीं रहने के कारण भी जिले में योजना रफ्तार नहीं पकड़ रही है।

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चार निजी अस्पताल को भी जोड़ने की तैयारी

योजना का लाभ अधिक से अधिक गरीब परिवार को मिले इसके लिए जिला स्वास्थ्य समिति ने जिले के चार निजी अस्पताल को भी योजना से जोड़ने की तैयारी कर रही है। शहर के पंजाबी मोहल्ला स्थित श्री कृष्ण सेवा सदन, नेत्रलोक अस्पताल लखीसराय, ममता इमरजेंसी अस्पताल विद्यापीठ चौक एवं श्री अशोकधाम जेनरल एंड सर्जिकल अस्पताल पुरानी बाजार को चिह्नित किया गया है। जिलाधिकारी शोभेन्द्र कुमार चौधरी के निर्देश पर इन चारों निजी अस्पतालों का दो चरणों मे जांच प्रक्रिया की जा रही है। इसके बाद डीएम की अध्यक्षता वाली कमेटी इस पर अंतिम निर्णय लेगी।

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क्या कहते हैं अधिकारी

लखीसराय जिले में अब तक आयुष्मान भारत योजना के तहत आठ लोगों का इलाज किया गया है। करीब 150 लोगों को गोल्डन कार्ड दिया गया है। योजना में तेजी लाने के लिए सदर अस्पताल सहित सभी पीएचसी के प्रभारी को अधिक से अधिक गोल्डन कार्ड देने, योजना के बारे में लोगों को जानकारी देने का निर्देश दिया गया है। विभाग द्वारा इस योजना के क्रियान्वयन के लिए अलग से कोई मानव बल एवं आधारभूत संरचना उपलब्ध नहीं कराया गया है। पूर्व से कार्यरत कर्मी से ही काम लिया जा रहा है।

मो. खालिद, डीपीएम स्वास्थ्य विभा


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