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गृह आधारित शिक्षा से वंचित रह रहे दिव्यांग बच्चे

लखीसराय। बिहार शिक्षा परियोजना द्वारा सरकारी स्कूलों में नामांकित दिव्यांग बच्चों को बेहतर

By JagranEdited By: Published: Wed, 26 Sep 2018 08:04 PM (IST)Updated: Wed, 26 Sep 2018 08:04 PM (IST)
गृह आधारित शिक्षा से वंचित रह रहे दिव्यांग बच्चे
गृह आधारित शिक्षा से वंचित रह रहे दिव्यांग बच्चे

लखीसराय। बिहार शिक्षा परियोजना द्वारा सरकारी स्कूलों में नामांकित दिव्यांग बच्चों को बेहतर शिक्षा देकर स्वाबलंबी बनाने को लेकर कई योजनाएं चलाकर पानी की तरह पैसा बहाया जा रहा है। परंतु जमीनी तौर पर दिव्यांग बच्चों को इसका कोई लाभ नहीं मिल रहा है। विभिन्न सरकारी स्कूलों में नामांकित 1,761 दिव्यांग बच्चों को विद्यालय जाकर तकनीकी सहयोग करने एवं गृह आधारित शिक्षा देने के लिए जिले में सात परिभ्रामी शिक्षक एवं दो पुनर्वास विशेषज्ञ पदस्थापित हैं। परंतु इनके द्वारा यह संभव नहीं हो रहा है। ये संबंधित प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय एवं शिक्षा विभाग के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (बिहार शिक्षा परियोजना) के कार्यालय में बैठकर दिव्यांग बच्चों को तकनीकी सहयोग एवं गृह आधारित शिक्षा देने की कागजी खानापूरी कर रहे हैं। उधर सभी दिव्यांग बच्चे अपने बूते ही शिक्षा प्राप्त करने को विवश हैं।

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परिभ्रामी शिक्षक का कार्य

विद्यालय में जाकर विद्यालय में नामांकित दिव्यांग बच्चों को तकनीकी सहयोग करते हुए पठन-पाठन में सहयोग करना है। इसके अलावा दिव्यांग बच्चों के घर पर जाकर गृह आधारित शिक्षा प्रदान करना है। परिभ्रामी शिक्षक को दिव्यांग बच्चों को दैनिक कार्य कार्य में भी सहयोग करना है।

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पुनर्वास विशेषज्ञ का कार्य

विद्यालय जाकर मानसिक रूप से बीमार बच्चों एवं अस्थि निश्शक्त बच्चों को तकनीकी सहयोग के साथ पठन-पाठन में भी सहयोग करना है। पुनर्वास विशेषज्ञ को ऐसे दिव्यांग बच्चों के घर पर जाकर दैनिक कार्य में सहयोग करते हुए गृह आधारित शिक्षा प्रदान करना है।

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जिले में कक्षावार नामांकित छात्र-छात्राओं की संख्या

वर्ग प्रथम - 91 छात्र एवं 86 छात्रा

वर्ग द्वितीय - 114 छात्र एवं 84 छात्रा

वर्ग तृतीय - 150 छात्र एवं 125 छात्रा

वर्ग चतुर्थ - 153 छात्र एवं 119 छात्रा

वर्ग पंचम - 140 छात्र एवं 94 छात्रा

वर्ग षष्ठ - 96 छात्र एवं 67 छात्रा

वर्ग सप्तम - 106 छात्र एवं 77 छात्रा

वर्ग अष्टम - 88 छात्र एवं 64 छात्रा

वर्ग नवम - 37 छात्र एवं 20 छात्रा

वर्ग दशम - 16 छात्र एवं 21 छात्रा

वर्ग ग्यारहवीं - 01 छात्र एवं 02 छात्रा

वर्ग बारहवीं - 02 छात्र एवं 04 छात्रा

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क्या कहते हैं पदाधिकारी

शिक्षा विभाग के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (बिहार शिक्षा परियोजना) प्रेमरंजन ने बताया कि जिले में 24 की जगह मात्र सात परिभ्रामी शिक्षक एवं सात की जगह मात्र दो पुनर्वास विशेषज्ञ मौजूद हैं। इस कारण विभिन्न विद्यालयों में नामांकित दिव्यांग बच्चों को व्यवस्था के अनुरूप सहयोग एवं शिक्षा नहीं मिल पा रही है। उन्होंने कहा कि सीमित साधन में भी दिव्यांग बच्चों को बेहतर शिक्षा देने का प्रयास किया जा रहा है।


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