किऊल नदी से बालू उठाव के लिए करना पड़ सकता है इंतजार
लखीसराय। किऊल नदी से बालू का उठाव पर अब भी संशय बरकरार है। हालांकि कोर्ट के आदेश
लखीसराय। किऊल नदी से बालू का उठाव पर अब भी संशय बरकरार है। हालांकि कोर्ट के आदेश पर किऊल नदी से बालू उठाव करने का आदेश वेस्ट ¨लक कंपनी को दिया गया है। पर, पर्यावरण स्वीकृति के पेच में मामला अब भी उलझा है। कोर्ट के आदेश के बाद यूपी की वेस्ट ¨लक कंपनी ने लखीसराय और जमुई खनन कार्यालय में पैसे तो जमा कर दिया लेकिन अभी भी कंपनी को सेया (एसईआइएए) कमेटी से पर्यावरण स्वीकृति लेना अनिवार्य है। बता दें कि सेया कमेटी से पर्यावरण स्वीकृति नहीं मिलने के कारण ही वेस्ट ¨लक कंपनी का टेंडर रद करते हुए विभाग ने रिवर्स ऑक्सन के तहत किऊल नदी के बालूघाट का टेंडर कर दिया था। हालांकि कोर्ट ने लखीसराय और जमुई खनन कार्यालय के तमाम आदेश को रद्द करते हुए पुन: वेस्ट ¨लक कंपनी को किऊल नदी से बालू उठाव करने का आदेश दिया है।
खबर यह है कि किऊल नदी से एक अक्टूबर से बालू का उठाव होना है। लेकिन हकीकत यह है कि जबतक सेया कमेटी से पर्यावरण की स्वीकृति नहीं मिल जाती है खनन विभाग कंपनी को बालू उठाव करने का आदेश नहीं दे सकता है। बालू से जुड़े कारोबारियों की मानें तो सेया कमेटी से वेस्ट ¨लक कंपनी को पर्यावरण की स्वीकृति मिलने में अभी समय लग सकता है। आशंका जाहिर की जा रही है कि 15 अक्टूबर के बाद ही बालू का उठाव संभव हो सकता है।
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बालू घाट पर लगाना होगा धर्मकांटा
कंपनी की मुश्किलें सेया कमेटी से पर्यावरण स्वीकृति मिलने तक ही सीमित नहीं है। पर्यावरण स्वीकृति मिलने के बाद भी वेस्ट ¨लक कंपनी को जिस घाट से बालू का उठाव करना है वहां धर्मकांटा लगाना जरूरी है। इसके बाद ही बालू का उठाव संभव हो पाएगा। ऐसा नहीं होने पर कानूनी पेंच में फिर से मामला फंस सकता है। ====== रोक के बावजूद हो रहा अवैध खनन एनजीटी की रोक के बावजूद जिले की किऊल नदी से बालू का अवैध खनन माफिया द्वारा किया जा रहा है। आए दिन अवैध खनन कर रहे वाहनों को पुलिस के द्वारा जब्त भी किया जा रहा है। बावजूद इसके माफिया बाज नहीं आ रहे। किऊल रेलवे कॉलोनी के लोगों की मानें तो गढ़ी मोड़ पर पुलिस का चेक पोस्ट रहने के कारण इस सड़क से वाहनों का परिचालन नहीं के बराबर था। लेकिन चेक पोस्ट हटते ही सैकड़ों की संख्या में ट्रैक्टर दिनभर इधर से आता-जाता है।
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क्या कहते हैं अधिकारी
जिला खनन अधिकारी मनोज अम्बष्ट ने बताया कि वेस्ट¨लक कंपनी ने पैसा तो जमा कर दिया है लेकिन पर्यावरण स्वीकृति मिलने के बाद ही बालू खनन करने का आदेश दिया जाएगा। एनजीटी के कारण फिलहाल किऊल नदी से बालू उठाव पर रोक है। एनजीटी द्वारा तीन महीने अगस्त, सितंबर और अक्टूबर महीने तक बिहार की सभी नदियों से बालू खनन करने पर रोक लगा दिया गया है। एक अक्टूबर से पुन: नदियों से बालू खनन करने का आदेश जारी हो जाएगा। लेकिन, ये आदेश उसी जिले में काम करेगा जिस जिले में नदियों के टेंडर में कोई बाधा नहीं है।