इस घर में बेटे का काम कर रही हैं बेटियां
लाडो मेरी लक्ष्मी ------------- पटना हाईकोर्ट में असिस्टेंट सेक्शन अफसर के पद पर नेहा अपन
लाडो मेरी लक्ष्मी
------------- पटना हाईकोर्ट में असिस्टेंट सेक्शन अफसर के पद पर नेहा अपने शहर का नाम कर रही रोशन
लखीसराय के नरेश केसरी के घर नहीं हैं बेटे, तीन बेटियां कर रही हैं बेटों की कमी को पूरा मृत्युंजय मिश्रा, लखीसराय : कहते हैं कि जीवन में तकलीफ उसी को आती है जो हमेशा जवाबदेही उठाने के लिए तैयार रहते हैं। वास्तव में ऐसे लोग कभी हार नहीं मानते। जीवन में पेश आने वाली असफलताओं से भी वे कुछ न कुछ सीखते हैं और कामयाबी के हुनर पाते हैं। जिदगी की इसी जद्दोजहद में नेहा केसरी ने जिदगी की सफर शुरू की। वह एक ऐसे परिवार की सदस्य है जहां बेटियां ही बेटे का काम कर रही है। शहर के नरेश केसरी को कोई बेटा नहीं है। तीन बेटियों के पिता नरेश को फिर भी गर्व है। उनकी बेटी नेहा केसरी पटना हाई कोर्ट में नौकरी कर रही है। वह बताती हैं कि आर्थिक तंगी तीन बहनों की जिम्मेदारी के बीच सीखने का जुनून जारी रखी। जब वह छोटी थी उस समय मां ने साथ छोड़ दिया। इसके बाद पिता ही सहारा बने। घर और बाहर की जिम्मेदारियों का निर्वहन करने के कारण वह लड़की होने की सामाजिक बंदिशों में नहीं बंधी। कठोर परिश्रम से नेहा 2016 की एसएससी की परीक्षा में बेहतर अंक के साथ सफलता हासिल कर आयकर विभाग में असिस्टेंट के पद पर चयनित हुई। हैदराबाद में कुछ दिन कार्य करने के बाद कुछ और अधिक करने के जुनून के चलते उन्होंने यह नौकरी छोड़ दी। आइएएस बनने की मंशा को लेकर पटना आकर फिर से पढ़ाई शुरू की। फिलहाल पटना हाईकोर्ट में असिस्टेंट सेक्शन अफसर के पद पर रहकर अपने शहर का नाम रोशन कर रही हैं। इनका लक्ष्य भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी बनना है जिसके लिए वे निरंतर प्रयत्नशील रहती है। बचपन में ही सर से मां का आंचल छिन जाने के बाद पिता नरेश केसरी ने अपनी बेटियों को बेटों की तरह लालन-पालन किया। नेहा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा लखीसराय और उच्च शिक्षा भागलपुर से प्राप्त की। एसएम कॉलेज भागलपुर से गणित में स्नातक की डिग्री हासिल की अपने पिता और बहनों की सहयोग से नेहा ने अपने कैरियर को संवारा। अपनी बेटियों के बारे में बात करते हुए पिता नरेश केसरी भावुक होकर बताते हैं की उनकी सभी बेटियां बेटों से कम नहीं है। पिता नरेश केसरी अपने किराए के आवास पर ही अपना छोटा सा प्रिटिग प्रेस चलाते हैं। वित्तीय स्थिति अच्छी नहीं होने के बावजूद बेटियों की पढ़ाई और परवरिश में कोई कमी नहीं होने दी। नेहा की तरह ही बाकी बेटियों को भी आगे चलकर अपने पिता और परिवार के लिए हर वह फर्ज निभाना चाहिए जो एक बेटा कर सकता है।