साबिकपुर पंचायत में पीडीएस बहाली में अनियमितता
जिलाधिकारी के पास पहुंची शिकायत आवेदन में हेराफेरी का लगाया आरोप न्याय नहीं मिला तो
जिलाधिकारी के पास पहुंची शिकायत, आवेदन में हेराफेरी का लगाया आरोप, न्याय नहीं मिला तो अनशन करने का किया एलान संवाद सहयोगी, लखीसराय : जिले में कुल 198 जनवितरण प्रणाली विक्रेता बहाली प्रक्रिया के तहत अनुमंडल पदाधिकारी ने 31 जुलाई को लखीसराय प्रखंड की विभिन्न पंचायतों के 22 नए डीलर के नामों की सूची जारी की। सूची जारी होने के बाद से ही साबिकपुर पंचायत में डीलर बहाली में भारी अनियमितता का मामला सामने आया। मंगलवार को अनियमितता का मामला जिलाधिकारी के पास पहुंचा। साबिकपुर पंचायत में डीलर की कुल 5 रिक्ति पर बहाली होनी थी। अनारक्षित सीट से कुल तीन अभ्यर्थियों ने आवेदन दिया। जिसमें रत्नेश्वर पांडेय, कुश रंजन कुमार एवं अभय कुमार शामिल हैं। एसडीओ द्वारा चयनित डीलर सूची में साबिकपुर गांव से लोदिया निवासी नंदकिशोर प्रसाद सिंह के पुत्र गुलशन कुमार शामिल हैं जबकि गुलशन कुमार ने अनारक्षित महिला शीट लोदिया गांव के लिए आवेदन किया था। पूरी प्रक्रिया में वरीयता के आधार पर अभ्यर्थी रत्नेश्वर पांडेय की बहाली होनी चाहिए थी। लेकिन दूसरे गांव के लिए जिसने आवेदन दिया उसकी बहाली कर ली गई। रत्नेश्वर पांडेय ने जिलाधिकारी से लेकर विभाग के मंत्री एवं प्रधान सचिव को डीलर बहाली में बरती गई अनियमितता की शिकायत कर पूरी प्रक्रिया की जांच करने की मांग की है। अभ्यर्थी रत्नेश्वर पांडेय ने डीएम को पूरे साक्ष्य के साथ आवेदन देकर कहा है कि साबिकपुर से जिस डीलर गुलशन कुमार की बहाली की गई है उसने वहां के लिए आवेदन दिया ही नहीं है। प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी लखीसराय की रिपोर्ट में भी गुलशन कुमार का नाम नहीं है। एमओ ने एसडीओ को भेजी जांच रिपोर्ट में भी इस बात का जिक्र किया है कि अभ्यर्थी लोदिया निवासी गुलशन कुमार द्वारा जिस गांव के डीलर के लिए आवेदन दिया गया वहां सामान्य महिला कोटि का रिक्त पद है जबकि गुलशन सामान्य पुरुष कोटि में आता है। जांच में आवेदन के साथ शपथ पत्र और व्यापार स्थल संबंधित कागजात नहीं पाया गया। अभ्यर्थी रत्नेश्वर पांडेय ने कहा कि जब गुलशन कुमार ने लोदिया गांव के लिए महिला शीट रहते हुए आवेदन किया तो फिर किस आधार पर उसकी बहाली साबिकपुर गांव के लिए की गई। उसने कहा कि डीलर बहाली में भारी अनियमितता बरती गई है। जिलाधिकारी द्वारा अगर पूरे मामले की जांच कर न्याय नहीं मिला तो भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यालय में आमरण अनशन करेंगे।