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पेयजल के लिए हाहाकार, टैंकर के पानी से बुझ रही प्यास

पीएचईडी 3067 लोगों की प्यास बुझाने के लिए प्रतिदिन 27 टैंकर भेज रहा पानी टैंकर से पानी

By JagranEdited By: Published: Sat, 11 May 2019 08:33 PM (IST)Updated: Sun, 12 May 2019 06:32 AM (IST)
पेयजल के लिए हाहाकार, टैंकर के पानी से बुझ रही प्यास
पेयजल के लिए हाहाकार, टैंकर के पानी से बुझ रही प्यास

पीएचईडी 3,067 लोगों की प्यास बुझाने के लिए प्रतिदिन 27 टैंकर भेज रहा पानी

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टैंकर से पानी भेजने में पीएचईडी का प्रतिदिन करीब 54 हजार रुपये हो रहा है खर्च संवाद सहयोगी, लखीसराय : जिले में पेयजल के लिए हाहाकार मचा हुआ है। जंगली-पहाड़ी क्षेत्र की बात तो दूर शहरी क्षेत्र के भी अधिकांश चापाकल ने पानी देना बंद कर दिया है। शहरी क्षेत्र के लोग भी जार का पानी खरीदकर प्यास बुझाने को विवश हैं। जबकि सूर्यगढ़ा एवं चानन प्रखंड के जंगली-पहाड़ी क्षेत्र के गांव में पेयजल की गंभीर समस्या है। लोगों को पेयजल के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। गर्मी शुरू होते ही सूर्यगढ़ा एवं चानन प्रखंड के जंगली-पहाड़ी क्षेत्र के गांवों के अधिकांश चापाकल एवं कुआं सूख गया है। प्यास बुझाने के लिए भी लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। ग्रामीणों की परेशानी को देखते हुए पीएचईडी ने 10 अप्रैल से ही सूर्यगढ़ा प्रखंड के छह गांवों चंपानगर, खैरा, मंझियांवा, नवकाडीह, बसुहार एवं उरैन के ग्रामीणों की प्यास बुझाने के लिए टैंकर से पानी भेजना शुरू किया है। वर्तमान समय में पीएचईडी छह गांव के दस वार्ड में प्रतिदिन 27 टैंकर पानी भेज रहा है। एक टैंकर में करीब 3,600 लीटर पानी रहता है। चंपानगर व मंझियांवा के ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव तक टैंकर के पानी का किया था बहिष्कार

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लोकसभा चुनाव तक चंपानगर एवं मंझियांवा के ग्रामीणों ने पेयजल के स्थाई समाधान करने की मांग को लेकर टैंकर के पानी का बहिष्कार किया। इतना ही नहीं पेयजल के स्थाई समाधान की मांग को लेकर चंपानगर एवं मंझियांवा के लोगों ने मतदान का बहिष्कार भी किया। पेयजल के लिए छटपटा रहे चंपानगर एवं मंझियांवा के ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव के बाद टैंकर का पानी लेना शुरू कर दिया है।

मवेशियों की प्यास बुझाने के लिए ग्रामीणों ने स्नान नहीं करने का लिया है संकल्प

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टैंकर की पानी से ग्रामीण तो अपनी प्यास बुझा रहे हैं। परंतु मवेशियों की प्यास बुझाने के ग्रामीण काफी परेशान हैं। पेयजल संकट से जूझ रहे गांव के ग्रामीणों ने जलस्तर बढ़ने तक स्नान नहीं करने का संकल्प लिया है। रात भर में कुआं में जमा होने वाले गंदले पानी से मवेशियों की प्यास बुझा रहे हैं। वार्ड वार टैंकर से पानी मिलने की खेप व लाभान्वितों की संख्या

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बुधैली बनकर पंचायत

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चंपानगर गांव स्थित वार्ड संख्या 08

टैंकर की खेप - 03

लाभान्वितों की संख्या - 261

चंपानगर गांव स्थित वार्ड संख्या 09

टैंकर की खेप - 03

लाभान्वितों की संख्या - 245

खैरा गांव स्थित वार्ड संख्या 14

टैंकर की खेप - 03

लाभान्वितों की संख्या - 290

खैरा गांव स्थित वार्ड संख्या 16

टैंकर की खेप - 03

लाभान्वितों की संख्या - 294

मंझियांवा गांव स्थित वार्ड संख्या 06

टैंकर की खेप - 03

लाभान्वितों की संख्या - 345

मंझियांवा गांव स्थित वार्ड संख्या 07

टैंकर की खेप - 03

लाभान्वितों की संख्या - 350 उरैन पंचायत

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नवकाडीह गांव स्थित वार्ड संख्या 09

टैंकर की खेप - 02

लाभान्वितों की संख्या - 263

नवकाडीह गांव स्थित वार्ड संख्या 10

टैंकर की खेप - 02

लाभान्वितों की संख्या - 210

बसुहार गांव स्थित वार्ड संख्या 11

टैंकर की खेप - 03

लाभान्वितों की संख्या - 432

उरैन गांव स्थित वार्ड संख्या 04

टैंकर की खेप - 02

लाभान्वितों की संख्या - 377 क्या कहते हैं पदाधिकारी

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पेयजल की समस्या का समाधान करने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है। आचार संहिता समाप्त होने के बाद चंपानगर, खौरा, मंझियांवा, लय, नवकाडीह, बसुहार, उरैन आदि गांवों में पेयजल समस्या का स्थाई समाधान करने को लेकर ठोस योजना बनाई जाएगी।

- ई. हरेराम, कार्यपालक अभियंता, पीएचईडी


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