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प्रखंड के पुस्तकालयों को उद्धारक की तलाश

प्रखंड के पुस्तकालयों के भवन हो गए जर्जर कोई नहीं देखने वाला संसू. चानन (लखीसराय) नक्सल

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Apr 2019 07:16 PM (IST)Updated: Wed, 17 Apr 2019 07:16 PM (IST)
प्रखंड के पुस्तकालयों को उद्धारक की तलाश
प्रखंड के पुस्तकालयों को उद्धारक की तलाश

प्रखंड के पुस्तकालयों के भवन हो गए जर्जर, कोई नहीं देखने वाला

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संसू., चानन (लखीसराय) : नक्सल प्रभावित चानन प्रखंड कभी पुस्तकालय के क्षेत्र में समृद्ध था। प्रखंड क्षेत्र में आधा दर्जन पुस्तकालय थे जहां पठनीय किताबें होती थी और हर उम्र के लोग वहां बैठक कर पढ़ते थे। लेकिन, आज सभी पुस्तकालय भवन जर्जर है और वह पुस्तक विहीन हो गया है। ये पुस्तकालय किसी उद्घारक की बाट जोह रहा है।हाल यह है कि कहीं पुस्तकालय भवन खंडहर का रूप ले लिया है तो कहीं पुस्तकालय भवन का नामोनिशान मिट चुका है। कहीं कहने को पुस्तकालय भवन है पर पुस्तकें तो दूर उसमें कीवाड़-खिड़की और दीवार तक नहीं है। प्रखंड के भंडार, रेवटा, वंशीपुर गोहरी, तिलकपुर आदि गांवों में ऐसे पुस्तकालय भवन देखे जा सकते हैं। प्रशासनिक उपेक्षा, जनप्रतिनिधियों की उदासीनता और बेपरवाह लोगों के कारण पुस्तकालयों की दशा ऐसी बनी हुई है। बसुआचक व लाखोचक गांव में बने पुस्तकालय भवन का नामोनिशान तक नहीं है। अधिकांश पुस्तकालय पूर्व के पंचायत प्रतिनिधियों के घरों के पास रहने के बाद भी ऐसी स्थिति बन गई है। सबसे बदतर स्थित संग्रामपुर पंचायत के भंडार गांव स्थित गांधी पुस्तकालय की है। यहां का भवन खंडहर हो गया है। इस संबंध में पूछे जाने पर बीडीओ मनोज कुमार ने बताया कि जर्जर पुस्तकालयों की सूची बनाकर उसकी मरम्मत कराई जाएगी एवं विभाग से पुस्तकालय उपलब्ध कराए जाने के लिए लिखा जाएगा।


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