नयागांव में कल होगी कलम की जयकार
खगड़िया। 'पीकर जिनकी लाल शिखाएं, उगल रही लू-लपट दिशाएं, जिनके ¨सहनाद से सहमी, धरती
खगड़िया।
'पीकर जिनकी लाल शिखाएं, उगल रही लू-लपट दिशाएं,
जिनके ¨सहनाद से सहमी, धरती रही अभी तक डोल,
कलम आज उनकी जय बोल।'
राष्ट्रकवि रामधारी ¨सह दिनकर रचित यह कविता नयागांव की फिजा में गूंज रही है। वहां राष्ट्रकवि दिनकर की 110वीं जयंती के अवसर पर विराट आयोजन की तैयारी चल रही है। नया गांव स्थित मध्य विद्यालय परिवार, श्रीकृष्ण इंटर विद्यालय परिवार, राष्ट्रकवि दिनकर स्मारक समिति व श्रीकृष्ण स्मारक समिति मिलकर कार्यक्रम का आयोजन कर रही है।
राष्ट्रकवि दिनकर स्मारक समिति के शैलेंद्र कुमार उर्फ शैलेश ने बताया कि 23 सितंबर को मध्य विद्यालय नयागांव में भव्य समारोह के दौरान राष्ट्रकवि की आदमकद प्रतिमा का अनावरण होगा। वहां राष्ट्रकवि दिनकर पथ और राष्ट्रकवि दिनकर द्वार का भी उद्घाटन किया जाएगा। इस अवसर पर 400 पौधे लगाए जाएंगे। बता दें कि जब दिनकर जी भागलपुर विश्वविद्यालय में कुलपति(1962) थे, तो वे अक्सर नयागांव आते थे। वे श्रीकृष्ण उच्च विद्यालय नयागांव (अब इंटर स्तरीय) भी आए थे।
कार्यक्रम में परबत्ता विधायक व पूर्व मंत्री आरएन ¨सह, डॉ. संजीव कुमार, जिलाधिकारी अनिरुद्ध कुमार और कवि कैलाश झा ¨ककर शिरकत करेंगे। इस समारोह के लिए नयागांव मध्य विद्यालय व श्रीकृष्ण इंटर विद्यालय को खूब सजाया-संवारा जा रहा है। संपूर्ण गांव में उत्साह का आलम है। रह-रहकर दिनकर की चर्चित पंक्ति गूंजने लगती है- 'सुनूं क्या ¨सधु, मैं गर्जन तुम्हारा, स्वयं युग-धर्म का हुंकार हूं मैं..। '
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नयागांव में दिनकर जयंती पर विराट कार्यक्रम की सूचना मिली है। उनकी आदमकद प्रतिमा का अनावरण हो रहा है। यह सुखद बात है। आज दिनकर की रचनाएं पहले से ज्यादा प्रासंगिक हो उठी हैं। उनकी रचना-विचार का भी फैलाव हो रहा है। दिनकर ग्राम सिमरिया की जनता इस महती आयोजन के लिए नयागांव के साहित्य प्रेमियों का अभिनंदन करती है।
- मुचकुंद मोनू, युवा आलोचक व सचिव, दिनकर स्मृति विकास समिति, सिमरिया।