छठ के बाद शहर व किऊल नदी के घाट कचरे के कब्जे में
लखीसराय । दीपावली एवं छठ पर्व को स्वच्छता का प्रतीक माना जाता है। दीपावली एवं छठ पर्व निकट आ
लखीसराय । दीपावली एवं छठ पर्व को स्वच्छता का प्रतीक माना जाता है। दीपावली एवं छठ पर्व निकट आते ही लोग स्वच्छता के प्रति सतर्क हो जाते हैं। खुद तो सफाई करते ही हैं साथ ही विभिन्न नदियों-तालाबों के घाटों एवं शहर की सफाई करने के लिए लोग जिला प्रशासन, नगर प्रशासन एवं जन प्रतिनिधियों पर दबाव डालने लगते हैं। गांव एवं शहर के हर नागरिक स्वच्छता के प्रति सजग होकर गांव से शहर तक साफ-सुथरा बना दिए। यहां तक कि नदी-तालाब की भी साफ-सफाई की गई परंतु छठ पूजा संपन्न होने के साथ ही स्वच्छता के प्रति जागरूक रहने वाले लोग ही गंदगी फैलाने में लग जाते हैं। नगर प्रशासन द्वारा शहर स्थित किऊल नदी के दो दर्जन घाटों को छठ पूजा के लिए चिह्नित किया गया। इसके बाद श्रद्धालुओं द्वारा विभिन्न घाटों को केला के पौधे एवं विभिन्न प्रकार के कृत्रिम सजावट के सामग्रियों से सजाया गया। इसके अलावा दुकानदारों द्वारा विभिन्न जगहों पर फल के अलावा पूजन सामग्रियों की दुकान लगाई गई। साथ ही विभिन्न स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा विभिन्न घाटों पर श्रद्धालुओं के लिए अर्घ्य देने के लिए दूध एवं उसके बाद चाय की व्यवस्था की गई थी। छठ पूजा समाप्त होने के बाद दुकानदारों द्वारा फल एवं पूजन सामग्री से निकलने वाले कचरे को ज्यों का त्यों छोड़ दिया गया। जबकि छठ घाटों पर सजावट का सामान कचरा का रूप लेकर जहां तहां पसरा हुआ है। वहीं दूध एवं चाय वितरण के लिए उपयोग में लाने वाले प्लास्टिक के डब्बा एवं ग्लास भी जहां-तहां पसरा हुआ है। कुल मिलाकर चारों ओर गंदगी पसरा हुआ है। यानि छठ पूजा समाप्त होते ही लोग स्वच्छता के प्रति उदासीन हो जाते हैं। इधर नगर परिषद के सभापति अरविद पासवान ने बताया कि जल्दी ही केआरके मैदान, किऊल नदी घाट सहित शहर के विभिन्न जगहों की सफाई कराई जाएगी।