बाल श्रमिक के व्यस्क होने पर मिलेगा रोजगार
लखीसराय। आर्थिक विपन्नता के कारण सेठ-साहूकारों एवं चाय-पान की दुकानों पर काम करने के क्रम में मुक्त
लखीसराय। आर्थिक विपन्नता के कारण सेठ-साहूकारों एवं चाय-पान की दुकानों पर काम करने के क्रम में मुक्त कराए गए बाल श्रमिकों का जीवन संवारने की सरकारी पहल शुरू की गई है। सरकार ने मुक्त कराए गए बाल श्रमिकों के व्यस्क होने पर उसके लिए स्वरोजगार की व्यवस्था की है। इसके तहत 1 अप्रैल 2016 के बाद मुक्त कराए गए बाल श्रमिक के बैंक खाता पर मुख्यमंत्री राहत कोष से 25 हजार रुपये जमा कर फिक्स डिपॉजिट कराया जा रहा है। एन्यूटी स्कीम के तहत संबंधित बाल श्रमिक को व्यस्क होने के पूर्व तक उक्त राशि का ब्याज मिलेगा। 18 वर्ष उम्र पूरा होने के बाद संबंधित बाल श्रमिक फिक्स डिपॉजिट की एकमुश्त राशि की निकासी कर सकेंगे। उक्त राशि से संबंधित बाल श्रमिक रोजगार शुरू कर अपना जीवनयापन कर सकेंगे। एक अप्रैल 2016 के बाद जिले में मुक्त कराए गए 12 बाल श्रमिकों के बैंक खाता में मुख्यमंत्री राहत कोष से 25-25 हजार रुपये जमा कराकर फिक्स डिपॉजिट कराया जा चुका है। मुक्त कराए गए प्रत्येक बाल श्रमिक के लिए पांच-पांच हजार रुपये बाल श्रम पुनर्वास सह कल्याण कोष में भी जमा कराया जाता है। उक्त खाता का संचालन एडीएम एवं श्रमायुक्त के संयुक्त हस्ताक्षर से होता है। उक्त राशि के ब्याज से मुक्त कराए गए बाल श्रमिक के परिवार को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराना है। सहायता राशि के रूप में पहले 1,800 रुपये दिए जाते थे जो बढ़ाकर 3,000 रुपये कर दिए गए है। अब तक जिले के 25 बाल श्रमिकों को प्रत्येक बाल श्रमिक 1,800 रुपये सहायता राशि दी गई है। लखीसराय के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी राजेश कुमार ¨सह ने बताया कि श्रम विभाग द्वारा मुक्त कराए गए बाल श्रमिकों के कल्याण के लिए चलाई जा रही तमाम योजनाओं को जिले में लागू किया जा रहा है। इसके तहत मुक्त कराए गए बाल श्रमिकों को लाभान्वित किया जा रहा है।