स्वच्छता सर्वेक्षण में नगर परिषद का होगा लिट्मस टेस्ट
लखीसराय। भारत सरकार द्वारा स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करने के देशव्यापी मिशन की सबसे बड़ी प्रत
लखीसराय। भारत सरकार द्वारा स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करने के देशव्यापी मिशन की सबसे बड़ी प्रतिस्पर्धा शुरू की गई है। इसमें देश के 4,041 शहरी निकायों को शामिल किया गया है जिसमें नगर परिषद लखीसराय को भी शामिल किया गया है। भारत सरकार की एक एजेंसी द्वारा चार जनवरी से राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण कार्य शुरू कर दिया गया है। इस प्रतियोगिता के सरकार ने कई मानक भी तय किए हैं जिसके लिए कुल चार हजार अंक निर्धारित किये गए हैं। नगर परिषद लखीसराय की फिलहाल रैं¨कग 952 है। केंद्रीय टीम 10 मार्च से पहले किसी भी दिन लखीसराय आकर स्वच्छता का आकलन करेगी साथ ही लोगों से भी जानकारी प्राप्त कर उनकी राय लेगी। इसको लेकर नगर परिषद द्वारा तैयारी शुरू कर दी गयी है। स्वच्छता सर्वेक्षण के सरकार ने जो मानक तय किया है जितनी प्रकार की जानकारी मांगी है उसकी प्रोफाइल नगर परिषद द्वारा तैयार की जा रही है। 33 वार्डों वाले लखीसराय शहर को स्वच्छ, सुंदर व खुले में शौच मुक्त करने को लेकर घर-घर शौचालय निर्माण अभियान पर कार्य किया जा रहा है। शहर की साफ सफाई, कूड़ा का निस्तारण, नाले की सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। लेकिन जब स्वच्छता की पड़ताल करने केंद्रीय टीम लखीसराय आएगी तो उसके सामने नगर परिषद के हर दावे का लिट्मस टेस्ट ऑन द स्पॉट होगा। स्वच्छता के लिए किए गए हर कार्य का अंक निर्धारण होगा जो बड़ी चुनौती होगी। खास बात यह है कि शहर के मोहल्ला से लेकर मुख्य मार्ग, पचना रोड, कबैया रोड को लोग कूड़ेदान के रूप में उपयोग कर रहे हैं। घर-घर संग्रह हो रहा कचरा भी सड़क पर ही जमा हो रहा है। मुख्य मार्ग के दोनों किनारे फल, सब्जी, होटल व अन्य फुटपाथी दुकानदारों द्वारा सारा कचरा सड़क पर ही फेंका जाता है। इसके बाद आवारा पशु उसे फैलाकर गंदगी का विस्तार कर देता है। इसपर रोक लगाने, लोगों के व्यवहार में परिवर्तन लाने की भी चुनौती होगी। सार्वजनिक जगहों पर पर्याप्त कूड़ा दान तक नहीं है। शहर के ऐसे दर्जनों वार्ड हैं जहां नाला का मुंह जाम है। गंदगी बदबू दे रही है। ऐसे में स्वच्छता सर्वेक्षण की परीक्षा नगर परिषद के लिए अग्नि परीक्षा से कम नहीं होगी।