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देवी शक्ति मां दुर्गा की उपासना का उत्सव है नवरात्रि

लखीसराय। नवरात्रि का पर्व देवी शक्ति मां दुर्गा की उपासना का उत्सव है। नवरात्रि के नौ दिनों मे

By JagranEdited By: Published: Sat, 28 Sep 2019 05:48 PM (IST)Updated: Sat, 28 Sep 2019 05:48 PM (IST)
देवी शक्ति मां दुर्गा की उपासना का उत्सव है नवरात्रि
देवी शक्ति मां दुर्गा की उपासना का उत्सव है नवरात्रि

लखीसराय। नवरात्रि का पर्व देवी शक्ति मां दुर्गा की उपासना का उत्सव है। नवरात्रि के नौ दिनों में देवी शक्ति के नौ अलग-अलग रूप की पूजा-आराधना की जाती है। एक वर्ष में चार बार नवरात्र आते हैं, चैत्र, आषाढ़, अश्विन, पौष नवरात्र। इनमें चैत्र और अश्विन यानि शारदीय नवरात्रि को ही मुख्य माना गया है। इसके अलावा आषाढ़, पौष गुप्त नवरात्रि होती है।

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शारदीय नवरात्रि अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक मनाई जाती है। शरद ऋतु में आगमन के कारण ही इसे शारदीय नवरात्रि कहा जाता है।

सांस्कृतिक परंपरा

नवरात्रि में देवी शक्ति मां दुर्गा के भक्त उनके नौ रूपों की बड़े विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना करते हैं। नवरात्र के समय घरों में कलश स्थापित कर दुर्गा सप्तशती का पाठ शुरू किया जाता है। नवरात्रि के दौरान मंदिरों में प्रतिमा की स्थापना करके जागरण और मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की झांकियां बनाई जाती है। मेला का भी आयोजन किया जाता है।

पौराणिक मान्यता

शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि में ही भगवान श्रीराम ने देवी शक्ति की आराधना कर रावण का वध किया था और समाज को यह संदेश दिया था कि बुराई पर हमेशा अच्छाई की जीत होती है। इस दिन से ही मां दुर्गा के रूप में शक्ति की पूजा की जाने लगी है।

नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा का विधान

दिन 01 - मां शैलपुत्री पूजा : यह देवी दुर्गा के नौ रूपों में से प्रथम रूप है। मां शैलपुत्री चंद्रमा को दर्शाती हैं और इनकी पूजा से चंद्रमा से संबंधित दोष समाप्त होते हैं।

दिन 02 - मां ब्रह्मचारिणी पूजा : ज्योतिषीय मान्यता के अनुसार देवी ब्रह्मचारिणी मंगल ग्रह को नियंत्रित करती हैं। देवी की पूजा से मंगल ग्रह के बुरे प्रभाव कम होते हैं।

दिन 03 - मां चंद्रघंटा पूजा : देवी चंद्रघंटा शुक्र ग्रह को नियंत्रित करती हैं। देवी की पूजा से शुक्र ग्रह के बुरे प्रभाव कम होते हैं।

दिन 04 - मां कूष्मांडा पूजा : मां कूष्माण्डा सूर्य का मार्गदर्शन करती हैं अत: इनकी पूजा से सूर्य के कुप्रभावों से बचा जा सकता है।

दिन 05 - मां स्कंदमाता पूजा : देवी स्कंदमाता बुध ग्रह को नियंत्रित करती हैं। देवी की पूजा से बुध ग्रह के बुरे प्रभाव कम होते हैं।

दिन 06 - मां कात्यायनी पूजा : देवी कात्यायनी बृहस्पति ग्रह को नियंत्रित करती हैं। देवी की पूजा से बृहस्पति के बुरे प्रभाव कम होते हैं।

दिन 07 - मां कालरात्रि पूजा : देवी कालरात्रि शनि ग्रह को नियंत्रित करती हैं। देवी की पूजा से शनि के बुरे प्रभाव कम होते हैं।

दिन 08 - मां महागौरी पूजा : देवी महागौरी राहु ग्रह को नियंत्रित करती हैं। देवी की पूजा से राहु के बुरे प्रभाव कम होते हैं।

दिन 09 - मां सिद्धिदात्री पूजा : देवी सिद्धिदात्री केतु ग्रह को नियंत्रित करती हैं। देवी की पूजा से केतु के बुरे प्रभाव कम होते हैं।


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