ईंट निर्माण में जिगजैक प्रणाली अपनाने से 60 प्रतिशत कम होगा प्रदूषण
लखीसराय। शुक्रवार को बिहार ईंट निर्माण संघ के तत्वावधान में स्वच्छ वातावरण बनाने एवं प्रदू
लखीसराय। शुक्रवार को बिहार ईंट निर्माण संघ के तत्वावधान में स्वच्छ वातावरण बनाने एवं प्रदूषण रहित ईंट का निर्माण के लिए झपानी गांव स्थित पप्पू जालान उर्फ अश्विनी कुमार जालान के चिमनी स्थल पर ईंट निर्माण कारीगर एवं मालिकों का एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें लखीसराय, मुंगेर, जमुई एवं शेखपुरा जिले के ईंट कारीगर व मालिकों ने भाग लिया। कार्यशाला में मुख्य अतिथि बिहार प्रदूषण नियंत्रण पदाधिकारी दिनेश प्रसाद ¨सह, बिहार प्रदूषण परिषद पदाधिकारी एसएन ठाकुर, तकनीकी विशेषज्ञ ग्रीन टेक सत्येन्द्र कुमार, लखीसराय के खनिज पदाधिकारी आनंद प्रकाश, मुंगेर के खनिज पदाधिकारी मुकेश कुमार, बिहार ईंट निर्माण अध्यक्ष मुरारी कुमार मन्नू, जमुई अध्यक्ष सुनील पासवान, लखीसराय के ओम प्रकाश प्रसाद, अनिल कुमार वर्मा, जयशंकर अग्रवाल, मुंगेर के उपेन्द्र यादव, अशोक भगत, सुरेन्द्र कुमार, सुधीर कुमार, रामवदन यादव, वीरचन्द कुमार, दिनेश यादव, पवन जलान सहित सैकड़ों ईट निर्माण कारीगर व मालिक मौजूद थे। कार्यशाला की अध्यक्षता सह मंच संचालन मुंगेर चेंबर ऑफ कॉमर्स की सूर्यगढ़ा इकाई के अध्यक्ष रविशंकर ¨सह अशोक ने किया। बिहार प्रदूषण नियंत्रण पदाधिकारी दिनेश प्रसाद ¨सह ने उपस्थिति कारीगर व मालिकों को प्रशिक्षण देते हुए बताया कि सरकार के निर्देशानुसार 31 अगस्त 2019 तक राज्य के सभी ईंट निर्माता इकाई अपने चिमनी का तकनीक पर आधारित परिवर्तन कर निर्माण कर लें ताकि बढ़ते प्रदूषण को रोका जा सके। नई तकनीक के निर्माण से 60 प्रतिशत प्रदूषण की संभावना कम हो जाती है। नई तकनीक को लगाने के लिए यह प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया है जिसमें जिगजैक ईंट निर्माण की नई तकनीक के इस्तेमाल के बारे में संबंधित कारीगर व मालिकों को बताया जाएगा। इससे कारीगारों को ईंट निर्माण में दिक्कतों का सामना करना नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि लखीसराय में 65 प्रतिशत ईट निर्माण में नई तकनीक का कार्य चालू हो चुका है।