संग्रहालय में संरक्षित होने लगी प्राचीन मूर्तियां
लखीसराय। लखीसराय जिले में जहां-तहां बिखरे पड़े पुरातात्विक अवशेष व मूर्तियों को सुरक्षित एव
लखीसराय। लखीसराय जिले में जहां-तहां बिखरे पड़े पुरातात्विक अवशेष व मूर्तियों को सुरक्षित एवं संरक्षित करने का सरकारी अभियान बुधवार से शुरू हुआ। लंबे अंतराल के बाद लखीसराय मुख्यालय में विधिवत रूप से सरकारी संग्रहालय ने काम करना शुरु कर दिया है। शहर के जयनगर लाली पहाड़ी की खोदाई के दौरान अबतक निकले बौद्ध कालीन पुरात्विक अवशेष, मूर्ति व अन्य वस्तु को सरकारी संग्रहालय में सुरक्षित रख दिया गया। पहाड़ी का खोदाई कार्य करवा रहे अनिल कुमार ने राज्य सरकार द्वारा संग्रहालय के लिए पदस्थापित किए गए कियूरेटर ने लाली पहाड़ी की खोदाई में निकले सभी वस्तुओं का प्रभार सौंप दिया। जानकारी हो कि पूर्व में 1984 तक चितरंजन रोड में दो कमरे के किराए के मकान में संग्रहालय चलता था। इसके बाद संग्रहालय की सभी मूर्ति को उठाकर जमुई भेज दिया गया। इसके बाद से लखीसराय में संग्रहालय बंद हो गया। करीब तीन दशक बाद लाली पहाड़ी की खोदाई के दौरान मिले बौद्ध कालीन अवशेष एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दो बार आगमन के बाद सरकार ने लखीसराय में फिर से संग्रहालय खोलने की पहल तेज की। उधर जिलाधिकारी शोभेन्द्र कुमार चौधरी, एसपी कार्तिकेय के. शर्मा, एसडीओ मुरली प्रसाद ¨सह, डीसीएलआर नीरज कुमार, सीओ रमेश कुमार एवं लखीसराय थानाध्यक्ष नीरज कुमार के साथ शहर के वार्ड नंबर एक रजौना चौकी गांव पहुंचे। जहां खेत व अन्य जगहों पर वर्षों से बिखरे पड़े देवी देवताओं की मूर्ति को उठाकर अशोकधाम मंदिर स्थित संग्रहालय में सुरक्षित रखवाया। डीएम-एसपी ने ग्रामीणों से कहा कि जिनके भी घरों में या अन्य जगहों पर प्राचीन मूर्ति है वे उन्हें सुरक्षित संग्रहालय में रखने के लिए प्रशासन को उपलब्ध करा दें। किसी भी मूर्ति की चोरी या क्षति होती है तो संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध विधि सम्मत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने 60 से अधिक संख्या में मूर्ति को रजौना से लाकर संग्रहालय में रखा है। प्रशासन का यह अभियान जारी रहेगा।