परमात्मा एक हैं, ज्योति के माध्यम से करें दर्शन
लखीसराय। प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सूर्यगढ़ा के तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय स
लखीसराय। प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सूर्यगढ़ा के तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय संगीतमय राजयोग शिविर कार्यक्रम के दूसरे दिन नागपुर के बीके अविनाश ने भक्तिमय गीतों से कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके उपरांत आत्मा से परमात्मा का मिलन करने के लिए मंच पर उपस्थित अतिथि एवं सभी भक्तजनों ने कैंडल जलाकर परमात्मा को याद किया। सभी के हाथों में कैंडल जलते ही दिवाली का माहौल दिखने लगा। कैंडल में उत्पन्न ज्योति के माध्यम से परमात्मा से आत्मदर्शन कराया। कार्यक्रम के दौरान नन्हीं बच्ची नेहा कुमारी ने आरती में डांस किया। आयोजित कार्यक्रम में बीके अनिवास के द्वारा पांच मॉडल तैयार किया गया।मॉडलों में एक शरीर के कंकाल की प्रस्तुति कर उन्होंने बताया कि शरीर हमारा नाशवान है एवं आत्मा अविशासी है। बीके अविनाश ने कहा कि परमात्मा एक है वो निराकार है। परमात्मा एक ज्योति है जिस ज्योति की याद में आज भी मंदिरों में ज्योति प्रज्ज्वलित होती है। उस ज्योति स्वरूप की याद में शिव¨लग की पूजा की जाती है। ज्योति स्वरूप परमात्मा को सभी धर्मो के लोग मानते हैं। ¨हदू धर्म में 33 करोड़ देवताओं की पूजा की जाती है ¨कतु सभी देवताओं में शिव को ही परमात्मा माना जाता है। मौके पर मंदिर निर्माण समिति अध्यक्ष दिलीप अग्रवाल, श्रवण अग्रवाल, बीके कविता आदि मौजूद थे।