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पिपरिया में बाढ़ का कहर, जन-जीवन हुआ अस्त-व्यस्त

लखीसराय। जिले के पिपरिया प्रखंड में बाढ़ विकराल रूप ले लिया है। पथुआ, कन्हरपुर, रामचंद्र

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Sep 2018 05:34 PM (IST)Updated: Fri, 14 Sep 2018 05:34 PM (IST)
पिपरिया में बाढ़ का कहर, जन-जीवन हुआ अस्त-व्यस्त

लखीसराय। जिले के पिपरिया प्रखंड में बाढ़ विकराल रूप ले लिया है। पथुआ, कन्हरपुर, रामचंद्रपुर, रहाटपुर, रामनगर, कोइलवा, हसनपुर, बसौना, डीह पिपरिया आदि एक दर्जन से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश गया है। गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से सबसे अधिक पथुआ एवं कन्हरपुर गांव में बाढ़ का प्रकोप है। दर्जनों घरों में बाढ़ का पानी घुस जाने के कारण लोग छत पर पॉलीथीन डालकर रहने को विवश हैं। नाव की व्यवस्था नहीं रहने के कारण लोग पानी में घुसकर बाजार जा रहे हैं। इधर एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जिला परिषद अध्यक्ष के निजी सचिव सतीश कुमार ने बताया कि जिला परिषद अध्यक्ष राम शंकर शर्मा उर्फ नूनू बाबू ने पिपरिया में बाढ़ आने से लोगों को होने वाली परेशानी से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं जिलाधिकारी शोभेन्द्र कुमार चौधरी को अवगत कराते हुए बाढ़ पीड़ितों को सहायता एवं मदद पहुंचाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि पिपरिया प्रखंड अंतर्गत हजारों एकड़ जमीन में लगी सोयाबीन एवं मक्का की फसल बाढ़ के पानी में डूबकर नष्ट हो गई है। सोयाबीन की फसल लगाने में किसानों का प्रति एकड़ बीस से पच्चीस हजार रुपये खर्च हुआ है। फसल के नष्ट होने से किसानों की आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई। उन्होंने बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री के अलावा किसानों के फसल का बीमा कराकर फसल बीमा योजना का लाभ दिलाने, स्वास्थ्य सुविधा एवं पशुचारा की व्यवस्था करने तथा बीमारियों से बचाव को लेकर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में छिड़काव कराने की मांग की है।

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