Move to Jagran APP

किसान चाह रहे हैं सुरक्षित बिजली व कृषि उत्पादों की मार्केटिग

लखीसराय। अतिपिछड़ा चानन प्रखंड क्षेत्र सूर्यगढ़ा विधान सभा क्षेत्र का हिस्सा है। इस विधानसभा क्षे

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 08:13 PM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 05:06 AM (IST)
किसान चाह रहे हैं सुरक्षित बिजली व कृषि उत्पादों की मार्केटिग
किसान चाह रहे हैं सुरक्षित बिजली व कृषि उत्पादों की मार्केटिग

लखीसराय। अतिपिछड़ा चानन प्रखंड क्षेत्र सूर्यगढ़ा विधान सभा क्षेत्र का हिस्सा है। इस विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशियों की निगाहें इस प्रखंड पर टिकी रहती है। इसे पिछड़ा इलाका माना जाता है और इस कारण यहां के लोग भी भोले भाले हैं जो हर चुनाव में सिर्फ ठगे जाते हैं। पहले लंबे समय तक भाजपा विधायक प्रेम रंजन पटेल को झेला अब राजद के प्रहलाद यादव को झेल रहे हैं। बावजूद विकास इस क्षेत्र में नहीं पहुंच की। पिछले 15 वर्षों से लगातार सूर्यगढ़ा विधानसभा क्षेत्र में एनडीए के विधायक चुने जाते रहे हैं। यहां सुरक्षित बिजली, कृषि, जलजमाव, सड़क निर्माण, सरकारी जमीन का अतिक्रमण, अस्पताल, आइसीडीएस जैसे कई ऐसे मुद्दे हैं, जिसे नजरअंदाज किया जाता रहा है।

loksabha election banner

मुद्दा नंबर: एक

जलजमाव से परेशान चानन के लोग

चानन में जल जमाव की समस्या विकराल हो चुकी है। नालियों का गंदा पानी गलियों व सड़कों पर बहता है। हल्की बारिश में इटौन, संग्रामपुर, लाखोचक गांव पानी से भर जाता है। यहां कोई भी ऐसा मोहल्ला नहीं है, जो जलजमाव से अछूता है। यहां की गलियों में कीचड़ बजबजाने से आने-जाने में काफी परेशानी होती है। लेकिन, पिछले 15 वर्षों में इसका निदान नहीं किया जा सका। विपक्षी पार्टियों ने इसे मुद्दा बना शिकायत तक की फिर भी घरेलू गंदे पानी के निकास के उपाय नहीं किए गए। पिछले लोकसभा चुनाव के समय भी यह मुद्दा उछला था। साल भर बीतने पर भी इस मुद्दे पर कोई कार्य आगे नहीं बढ़ा।

मुद्दा नंबर : दो

खेतों तक नहीं पहुंची बिजली

खेतों में बिजली के बेतरतीब तार जिदगियां लील रही हैं। किसान, राहगीर एवं घास काटने वालों की जान जा रही है। ऐसा इसलिए हो रहा कि सभी किसानों के नलकूप पर बिजली के पोल तार नहीं पहुंचे हैं। जिन किसानों के बोरवेल बोरिग पर बिजली नहीं पहुंची, वे स्वयं इसकी लुंज- पुंज व्यवस्था कर रहे हैं, जो काफी जोखिम भरा साबित हो रहा है। आए दिन खेतों में करंट से मौत के मामले तो बढ़ ही रहे हैं, मौत पर अनुग्रह राशि के दावे विधि-व्यवस्था के लिए चुनौती बनती जा रही है। सड़क पर शव रख कर घंटों आवागमन बाधित रखना आम बात हो गई है। बोरिग पर बिजली के उचित कनेक्शन नहीं रहने से जन हानि के साथ सरकारी खजाने पर भी इसका बोझ पड़ रहा है।

मुद्दा नंबर : तीन

अतिक्रमण से बढ़ रही समस्या

अतिक्रमण एवं सरकारी जमीन कब्जाने की होड़ मननपुर बाजार के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में मची है। जिसे जहां बन रहा है सड़क, आहर और नाले पर कब्जा जमा रहे हैं। इससे आवागमन प्रभावित हुआ है। इस समस्या को लेकर लोग परेशान हैं। यह भी चुनावी मुद्दा बना है। लोग इसको लेकर सरकार की कमजोर इच्छा शक्ति को जिम्मेदार मानते हैं।

मुद्दा नंबर : चार

सब्जी उत्पादकों के लिए बाजार नहीं चानन प्रखंड के इटौन, भलूई, नगरदार, मननपुर बाजार, संग्रामपुर, गोपालपुर, कुंदर आदि गांवों में बड़े पैमाने पर सब्जियों की खेती होती है। कद्दू, बैगन, करैला, फूलगोबी, प्याज, आलू एवं टमाटर प्रमुखता से उगाई जाती है। लेकिन, बाजार की उचित व्यवस्था एवं प्रोसेसिग यूनिट की स्थापना नहीं होने से किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। सब्जियों को जिले से बाहर भेजने या फिर खेतों में ही सड़ने के लिए छोड़ देने की विवशता होती है। जब टमाटर और कद्दू के भाव गिरते हैं तो किसान उसे खेत में ही छोड़ना लाभकारी मानते हैं। कारण की कुल बिक्री मूल्य से अधिक मजदूरी पर ही खर्च हो जाता है। किसान कहते हैं कि यदि सब्जियों के उचित भंडारण एवं मार्केटिग की व्यवस्था होती तो नुकसान नहीं होता। टमाटर और कद्दू की प्रोसेसिग यूनिट स्थापित होती तो सॉस, जूस आदि की पैकेजिग कर मार्केटिग की जाती। इटौन निवासी सुरेन्द्र महतो कहते हैं कि सब्जी और बागवानी कृषि में नुकसान हो रहा है। किसानों की समस्या का हल नहीं निकाला जा रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.