किशनगंज में एसएसबी ने 37 मवेशी लदे कंटेनर किया जब्त, तीन हिरासत में
किशनगंज के सीमावर्ती क्षेत्र के रास्ते मवेशी तस्करी करने में तस्कर जुटे रहते हैं। एसएसबी ने सूचना के आधार पर कारर्वाई करते हुए 37 मवेशियों को जब्त किया है। तीन तस्करों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
संवाद सहयोगी, किशनगंज : किशनगंज जिला अंतरराष्ट्रीय व अंतरराज्यीय सीमाओं से घिरे होने के कारण मवेशी तस्करों की निगाहें हमेशा जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों पर जमी रहती है। यही कारण है कि दशकों से किशनगंज के रास्ते मवेशियों की तस्करी होती आ रही है, लेकिन अब बांग्लादेश के साथ-साथ जिले में संचालित शेल्टर हाउस में पशु क्रूरता अधिनियम की धज्जियां उड़ाते हुए मवेशियों का अवैध कारोबार किया जा रहा है। इसका खुलासा एक बार फिर एसएसबी ने एनएच 27 स्थित फरिंगोला चेकपोस्ट पर गुरुवार को मवेशियों से लदा एक कंटेनर जब्त करते हुए किया है। सूचना के आधार पर कार्रवाई में कंटेनर ट्रक से 37 मवेशियों को जब्त कर तीन को हिरासत में लिया है।
हिरासत में लिए गए लोगों में भभुआ रोड का सद्दाम, चतरा का शैफ अली व शेरघाटी का मेराजुल हक शामिल है। एसएसबी को सूचना मिली थी कि दो वाहन अवैध सामग्री लेकर तस्करी की नियत से किशनगंज के रास्ते गुजरने वाले हैं। इसके बाद एसएसबी की टीम फरिंगोला चेकपोस्ट के पास एनएच-27 पर जांच अभियान चलाने लगी। इस दौरान एक कंटेनर वहां से गुजर रही थी। कंटेनर पीछे से बंद था। उसे रोककर खुलवाकर तलाशी ली गई। कंटेनर से मवेशी बरामद किया गया। मौके पर एसएसबी के कमांडेंट मुन्ना सिंह मौजूद थे।
एसएसबी मवेशी से संबंधित कागजातों की जांच की जा रही है। मवेशियों को गया जिले के शेरघाटी से लोड किया गया था। जिसे बंगाल के पांजीपारा में उतारा जाना था। मवेशियों की जांच के लिए पशु अस्पताल से पशु चिकित्सक को भी बुलवाया गया। पशु चिकित्सक मवेशियों की स्थिति की जांच कर रहे थे। एसएसबी कमांडेंट मुन्ना सिंह ने बताया कि सूचना के आधार पर की गई कार्रवाई में मवेशी जब्त किया गया है। जब्त कंटेनर सहित मवेशी और हिरासत में लिए गए तीन व्यक्ति को टाउन थाना को सुपुर्द किया जा रहा है।
टाउन थाना में पुलिस के सहयोग से आगे की कार्रवाई की जाएगी। सूत्रों की माने तो मवेशी तस्कर मवेशियों को किशनगंज से सटे बंगाल के पांजीपाड़ा के किसी गुप्त ठिकानों पर उतारकर रात के अंधेरे में बांग्लादेश की सरहद भेजने के फिराक में था, लेकिन उससे पहले ही मवेशी तस्करों के साजिश को एसएसबी ने नाकाम कर दिया। कार्रवाई बाद भी नहीं रूक रही तस्करी:: मवेशी तस्करी के दौरान पुलिस, एसएसबी एवं अन्य कार्रवाई में तस्करों के पकड़े जाने के बाद भी तस्करी रूक नहीं रही है। शातिर तस्करों की पहुंच काफी रहती है और कई तरकीब भी अपने पास रखे रहते हैं।
तस्करी के दौरान मवेशी पकड़े जाने के बाद ऐसे वाहन चालकों के पास कोई दस्तावेज नहीं रहता और फिर जब पकड़े जाने की सूचना आगे तक पहुंचती तो फिर कगजात तैयार कर लिया जाता है। गिरोह के सदस्यों द्वारा पुलिस एवं न्यायालय में कागजात पेश किया जाता है जिस आधार पर मवेशी सहित गाड़ी और पकड़े गए तस्करों को छोड़ दिया जाता है। अवैध रूप से मवेशी तस्करी करने वाले ऐसे तस्करों को स्थानीय स्तर पर संरक्षण देने वाले भी कई लोग होते हैं जो लाइनर एवं संरक्षक का काम करते है।