गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए 691 शिक्षा सेवकों का किया जा रहा स्थान परिवर्तन
महादलित दलित एवं अल्पसंख्यक अतिपिछड़ा वर्ग अक्षर आंचल योजना के तहत बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए शिक्षा सेवक और शिक्षा सेवक तालिमी मरकज द्वारा कार्य किया जा रहा है।
संवाद सहयोगी, किशनगंज : महादलित, दलित एवं अल्पसंख्यक अतिपिछड़ा वर्ग अक्षर आंचल योजना के तहत बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए शिक्षा सेवक और शिक्षा सेवक तालिमी मरकज द्वारा कार्य किया जा रहा है। जिससे कि ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले बच्चे भी प्रारंभिक ज्ञान प्राप्त कर स्कूली शिक्षा प्राप्त करने में सफल हों। इन शिक्षा सेवकों का काम 15 से लेकर 35 वर्ष की निरक्षर महिलाओं को साक्षर बनाना भी है।
वर्तमान समय में जिले के विभिन्न प्रखंड में कुल 691 शिक्षा सेवक और शिक्षा सेवक तालिमी मरकज अपने-अपने टोला में कार्य कर रहे हैं। इसके अंतर्गत पोठिया में 101, बहादुरगंज में 112, किशनगंज में 54, दिघलबैंक में 102, ठाकुरगंज में 103, कोचाधामन में 150 और टेढ़ागाछ में 69 शिक्षा सेवक और शिक्षा सेवक तालिमी मरकज शामिल हैं। इन सभी शिक्षा सेवक और शिक्षा सेवक तालिमी मरकज का गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को लेकर स्थान परिवर्तन किया जा रहा है। जिले के विभिन्न प्रखंड में 692 केंद्र संचालित हैं। लेकिन विगत दिनों तालिमी मरकज के एक शिक्षा सेवक के त्याग पत्र देने के कारण इस समय तालिमी मरकज के 516 और महादलित के 75 केंद्र शामिल हैं। महादलित केंद्र पर केवल महादलित श्रेणी के बच्चे और महिलाओं को साक्षर बनाना शामिल है। जबकि तालिमी मरकज केंद्र पर अल्पसंख्यक श्रेणी के बच्चे और निरक्षर महिलाओं को साक्षर बनाया जाता है।
शिक्षा सेवक और शिक्षा सेवक तालिमी मरकज को अपने टोला में सुबह आठ बजे से लेकर सुबह 10 बजे तक कोचिग के माध्यम से पढ़ाना है। इसके बाद उन बच्चों को टोला से संबंधित स्कूल भी पहुंचना है। इसके उपरांत दोपहर दो बजे से लेकर तीन बजे तक 15 से लेकर 35 वर्ष की निरक्षर महिलाओं को साक्षर बनाना भी है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और कार्य प्रणाली में निखार लाने के लिए शिक्षा सेवक और शिक्षा सेवक तालिमी मरकज का स्थान परिवर्तन किया जा रहा है। शौकत अली, डीपीओ साक्षरता