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विक्रम संवत 2076 पर अमन व शांति को ले किया गया यज्ञ

किशनगंज। स्वामी विवेकानंद चेतना मंच के तत्वावधान में शनिवार को सभी प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्रों

By JagranEdited By: Published: Sun, 07 Apr 2019 02:18 AM (IST)Updated: Sun, 07 Apr 2019 06:29 AM (IST)
विक्रम संवत 2076 पर अमन व शांति को ले किया गया यज्ञ

किशनगंज। स्वामी विवेकानंद चेतना मंच के तत्वावधान में शनिवार को सभी प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में हिन्दू नववर्ष धूमधाम से मानाया गया। इस अवसर पर हवन यज्ञ व कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस कार्यक्रम में ग्रामीणों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। वहीं योगगुरू रविराज ने कबीर चौक स्थित हवन यज्ञ के दौरान बताया कि ग्रंथों के अनुसार चैत महीने के शुक्ल पक्ष की प्रथम तिथि को सृष्टि का आरंभ हुआ था। हिन्दू नववर्ष भी चैत शुक्ल प्रतिपदा को शुरू होता है। इस दिन ग्रह और नक्षत्र में भी परिवर्तन होता है। हिन्दी महीने की शुरूआत इसी दिन से होती है। वैष्णव दर्शन में चैत मास भगवान नारायण का रूप माना गया है। चैत मास का आध्यात्मिक स्वरूप इतना पवित्र माना गया है कि इस माह में वैकुंठ में बसने वाले भगवान श्री हरि भी धरती पर विराजमान होते हैं।

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उन्होंने बताया कि शनिवार छह अप्रैल से हिन्दू नव वर्ष 2076 का आगमन हो गया। यह वर्ष देश में अमन, शांति और खुशहाल का पैगाम लेकर आए। इसके लिए विभिन्न प्रखंड के 305 स्थानों पर एक साथ हवन यज्ञ किया गया। जिसमें सामूहिक रूप से किशोर, युवा और बुजुर्ग श्रेणी के लोग शामिल हुए। चैत मास का वैदिक नाम मधुमास है। इस मास को वसंत का मास भी कहा जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में चारों ओर पके फसल के दर्शन के वजह से किसानों का आत्मबल और उत्साह बढ़ जाता है। नए फसल के घर में आने का भी यही समय होता है। इस समय प्रकृति में उष्णता धीरे-धीरे बढ़ने लगती है। जिस वजह से पेड़-पौधे और जीव -जंतु में नव जीवन का संचार होने लगता है। इस क्रम में दिघलबैंक स्थित तालगाछ ग्राम में भी विशेष रूप से हवन यज्ञ किया गया।


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