मूलभूत सुविधा से वंचित हैं कुकुरबाघी पंचायत के लोग
विधानसभा क्षेत्र में विधायकों को आवश्यकता अनुसार विकास कार्य के लिए विधायक निधि में दी जाने वाली राशि को खर्च कर विकास का कार्य करना है।
संवाद सूत्र, गलगलिया, (किशनगंज) : विधानसभा क्षेत्र में विधायकों को आवश्यकता अनुसार विकास कार्य के लिए विधायक निधि में दी जाने वाली राशि को खर्च कर विकास का कार्य करना है। मगर ठाकुरगंज विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ठाकुरगंज मुख्यालय से करीब 20 किमी की दूरी पर पश्चिम बंगाल की सीमा पर स्थित कुकुरबाघी पंचायत में आज भी मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है।
इस पंचायत क्षेत्र के लोग आज भी सड़क, स्वास्थ्य, पुल, शिक्षा व शुद्ध पेयजल की सुविधा से वंचित हैं। चुनाव जीतने के बाद स्थानीय विधायक का विकास तो दूर दर्शन भी दुर्लभ हो जाता है। हालांकि हाल के वर्षो में पंचायत के पूर्व मुखिया सुदामा पहान द्वारा विकास के कुछ कार्य जरूर किए गए हैं। मगर समस्याओं के ढेर से विकास का वजूद तलाशना अब भी कठिन है। कच्ची व गड्ढानुमा सड़क पर चलना लोगों की मजबूरी बनी हुई है। जल नल योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ने से कहीं भी शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं है। पंचायतवासी आयरन युक्त पानी पीकर पेट संबंधी बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का सभी सरकारी दावा पंचायत में पूरी तरह निराधार है। बताते चलें कि वर्ष 2009 में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 03 करोड़ 95 लाख की लागत से डीमहाट से लेकर बंगाल सीमा तक पक्की सड़क बनी थी। इस सड़क के दर्जनों स्थानों पर जानलेवा गड्ढ़ा पंचायतवासियों के लिए मुसीबत बना हुआ है। स्वास्थ्य सुविधा भी आज टीकाकरण तक ही सीमित है। जिससे लोग झोलाछाप डाक्टर के भरोसे जीते है और स्वास्थ्य केंद्र के अभाव में झोलाछाप डाक्टर की खूब चांदी कटती है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का घोर अभाव है जिससे पंचायत के अभिभावक अपने बच्चों को सरकारी विद्यालय में नहीं पढ़ा कर पश्चिम बंगाल के प्राइवेट स्कूलों में भेजते हैं। गंदूगछ माता मेला व बिरानगछ के बीच स्थित बुंद नदी में एप्रोच कटा पुल एवं चेंगा नदी में पुल का निर्माण नहीं होना भी प्रमुख समस्याओं में एक है। पंचायत में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र द्वारा प्रसवदायी व गर्भवती महिलाओं को सही रूप से सूखा राशन का लाभ नहीं मिलता। इसके अलावा दर्जनों लोग राशन कार्ड व पेंशन योजना से भी वंचित हैं।
इस संबंध में पंचायत के विकास मंडल, सूर्य सिंह, बसंत सिंह, रामानंद महतो, ललन मंडल, जवाहर सिंह (पूर्व मुखिया) ने बताया कि यहां के लोग अपनी गाढ़ी कमाई का अधिकतर हिस्सा रोग के निदान पर खर्च कर रहे हैं। रोगियों की चिकित्सा के लिए कोई सेवा उपलब्ध नहीं होने से पंचायत की सीमा से सटे पश्चिम बंगाल के खोड़ीबाड़ी पर इलाज के लिए निर्भर रहते हैं। वर्ष 2014 में पंचायत में उच्च विद्यालय बौरीगछ की स्थापना की गई थी मगर, विद्यालय परिसर में उच्च विद्यालय भवन का निर्माण संवेदक व विभागीय पदाधिकारी की उदासीनता व लापरवाही के कारण आज भी अधर में लटका हुआ है जिसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। पंचायत होकर बनी प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क से तीन पंचायत के हजारों लोग प्रखंड मुख्यालय, स्वास्थ्य केंद्र ठाकुरगंज, स्कूल, कालेज, एसबीआई बैंक चुरली, आइटीआइ कालेज, पंचायत सरकार भवन के लिए आवागमन करते हैं और वर्ष 2009 में बनी सड़क मात्र तीन वर्ष ही ठीक रहा और सड़क जर्जर होना शुरू हो गया। बुंद नदी में 2006 में एप्रोच कटा पुल के लाभ से करीब आधे दर्जन गांव के लोग वंचित हैं। लोग जान हथेली पर रख कर पुल पर चढ़ते व उतरते हैं। जबकि पुल के बगल में ही प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क गुजरी है। मगर पुल को रास्ते से न जोड़ कर उक्त गांव के लोगों की उपेक्षा की गई है। विकास कार्य के संबंध में ककरबाघी के पूर्व मुखिया सुदामा पहान ने कहा कि मेरे कार्यकाल में सरकार द्वारा आवंटित राशि का सदुपयोग किया गया है। मगर शुद्ध पानी, पीएमजीएसवाइ, स्वास्थ्य सुविधा व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा आदि के अभाव से ग्रामीणों में भारी असंतोष है।