धूमधाम से श्रद्धालुओं ने की मां सरस्वती की आराधना
किशनगंज : शहरी क्षेत्र में सरस्वती पूजा को लेकर पंडाल बनाए गए। इन पंडालों में विद्या की देवी
किशनगंज : शहरी क्षेत्र में सरस्वती पूजा को लेकर पंडाल बनाए गए। इन पंडालों में विद्या की देवी मां सरस्वती की भव्य प्रतिमा स्थापित की गई। पंडाल परिसर को फूल और टूनी बल्व से सजाया गया है। जिससे पंडाल परिसर की शोभा बढ़ गई। पूजा-पंडालों में सुबह से ही सभी श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहा। भक्तों ने मां सरस्वती की पूजा अर्चना कर और विद्या के लिए प्रार्थनाएं की। शहरी क्षेत्र में मनोरंजन क्लब, उत्तरपाली क्लब, धर्मगंज, खगड़ा, रूईधासा और लाइन और आदर्श युवा क्लब सहित स्कूल और कॉलेजों में पूजा-अर्चना की गई।
पंचांग की गणना के अनुसार 10 फरवरी के दिन रविवार को सुबह 6.45 बजे से लेकर दोपहर 12.25 बजे तक शुभ मुहूर्त में पूजा अर्चना की गई। मां सरस्वती की प्रतिमा के सामने धूप-दीप, अगरबत्ती और गूगुल जलाए गए। इससे वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो और नकारात्मक ऊर्जा दूर चला जाए। इसके उपरांत विधि विधानपूर्वक पूजा शुरू की गई। इस क्रम में मां सरस्वती को पीले पुष्प अर्पित किए गए। पूजा स्थान पर वाद्य यंत्र और किताबें रखी गई। बच्चों को भी पूजास्थल पर बिठाया गया। इस दिन मां सरस्वती की आराधना करने वाले लोगों को पीले रंग का भोजन करना शुभ माना गया है।
पंडित जगन्नाथ झा ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार भगवान बहना ने संसार की रचना की। इस रचना में पेड़-पौधे, जीव-जंतु सहित मनुष्य भी शामिल थे। लेकिन बहना जी को लगा कि इस संसार की रचना में कुछ कमी रह गई। इस वजह से बहना जी ने अपने कमंडल से जल लेकर छिड़का। इस जल के छिड़काव होते ही चार हाथों वाली देवी प्रकट हुई। इनके एक हाथ में वीणा, दूसरे हाथ में पुस्तक, तीसरे हाथ में माला और चौथे हाथ वर मुद्रा में था। इन्हें बहना जी ने वीणा बजाने का आदेश दिया। जैसे ही वीणा से मधुर धुन निकली और बहना जी की बनाई सभी चीज में स्वर आ गया। वह दिन पंचमी था और बहना जी ने देवी को वाणी की देवी सरस्वती का नाम दिया। इस वजह से बंसत पंचमी के दिन विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा-अर्चना विधि विधान पूर्वक की जाती है। सरस्वती पूजा को लेकर स्कूल और कॉलेज में मां सरस्वती की पूजा अर्चना की गई। इनमें मुख्य रूप से बाल मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल, जीबीएम स्कूल, ओरियंटल पब्लिक स्कूल, सरस्वती विद्या मंदिर, बालिका उच्च विद्यालय, इंटर हाई स्कूल, शिशु निकेतन और आरके साहा महिला कॉलेज सहित कई शिक्षण संस्थान शामिल थे। विद्यार्थियों ने माता के दर्शन के लिए आने वाले भक्तों को प्रसाद वितरण करते रहे।