राशि की निकासी के बाद भी नहीं शुरू हुआ निर्माण कार्य
किशनगंज। बड़ीजान पोठीमारी जागीर पंचायत के पूर्व मुखिया व पंचायत सचिव के द्वारा पंचायत के वि
किशनगंज। बड़ीजान पोठीमारी जागीर पंचायत के पूर्व मुखिया व पंचायत सचिव के द्वारा पंचायत के विभिन्न योजनाओं में अनियमितता बरते जाने का मामला सामने आया है। बुधवार को बड़ीजान निवासी फूरकान अहमद व अन्य ग्रामीणों ने बीडीओ को आवेदन सौंप कर जांच की मांग किया है। आधे दर्जन से अधिक योजनाओं को उल्लेखित करते हुए ग्रामीणों ने बीडीओ से जांच कर कार्रवाई की मांग की है। जिसमें इस बात की ओर ध्यान दिलाया गया है कि इन योजनाओं में बगैर कार्य किए ही पंचायत के पूर्व मुखिया व पंचायत सचिव के द्वारा राशि की निकासी कर ली गई है। जिसपर संज्ञान लेते हुए बीडीओ ने प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी से स्थलीय जांच कर रिपोर्ट मांगा है।
शिकायत कर्ता फूरकान अहमद द्वारा दिए गए आवेदन में कहा गया है कि वर्ष 2007-8 की योजना संख्या एक में बड़ीजान हाट स्थित पंचायत भवन परिसर में कंप्यूटर भवन निर्माण को लेकर स्वीकृत राशि 2 लाख 97 हजार की राशि में से 2 लाख 92 हजार की निकासी के बाद भवन निर्माण कार्य पूरा नहीं किया गया है। वर्ष 2009-10 के योजना संख्या एक में प्राक्कलन राशि चार लाख 32 हजार के एवज में तीन लाख 90 हजार निकासी के बाद पशु चिकित्सालय बड़ीजान का सही मरम्मत नहीं कराई गई है। वर्ष 2010-11 के योजना संख्या एक मोमीन टोला महा दलित टोला में चबूतरा सह शेड निर्माण कार्य हेतु एक लाख 70 हजार की राशि निकासी करने के बावजूद भी धरातल पर कार्य शून्य है। वर्ष 2010-11 के योजना संख्या दो में पोठीमारी महादलित टोला से सोन्था सीमा तक सड़क निर्माण सह ईट सो¨लग कार्य को लेकर दो लाख 90 हजार रुपये निकासी के बाद भी धरातल पर कार्य नहीं किया गया है। इसी सड़क को वर्ष 2011-12 के योजना संख्या एक के तहत चार लाख 15 हजार की लागत से पूरा किया गया है। वर्ष 2015-16 के योजना संख्या तीन संथाल टोला बड़ीजान दुर्गापुर से राज्य सड़क तक स्वीकृत राशि 92 हजार नौ सौ की राशि से ईट सो¨लग कार्य करना था, लेकर संवेदक के द्वारा 85 हजार रुपये निकासी करने के बाद भी कोई कार्य नहीं कराया गया है। जबकि वर्ष 2015-16 के योजना संख्या 11 मोमीन टोला पोठीमारी हसनैन के घर महा दलित टोला तक प्राक्कलन राशि तीन लाख 13 हजार 4 सौ से सड़क का पीसीसीकरण किया जाना था। परंतु दो लाख 75 हजार रुपये निकासी करने बाद भी कार्य पूरा नहीं किया गया है।