15 सूत्री मांगों को लेकर सेविका सहायिका ने किया धरना प्रदर्शन
किशनगंज : 15 सूत्री मांगों को लेकर आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका ने गुरुवार को टाउन हॉल
किशनगंज : 15 सूत्री मांगों को लेकर आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका ने गुरुवार को टाउन हॉल के सामने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। धरना प्रदर्शन के बाद सेविका एवं सहायिका ने जिलाधिकारी को 15 सूत्री मांगों का स्मार पत्र सौंपा। इस दौरान सभी ने सरकार विरोधी नारे भी लगाए। बिहार राज्य आंगनबाड़ी संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वावधान में आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिका की जिला इकाई द्वारा आयोजित धरना को संबोधित करते संघ की जिलाध्यक्ष अंजुम खातून ने कहा कि एक ओर केंद्र व राज्य सरकार समाज के सभी वर्गों के समेकित विकास के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं चला रही है। वहीं आंगनबाड़ी सेविकाओं एवं सहायिकाओं को बहुत ही निम्न मानदेय दे रही है। विगत दिनों सरकार द्वारा सेविका के मानदेय में मात्र 1500 रुपये की बढ़ोतरी की है। इसके अलावा सहायिका का भी तीन हजार रुपये मानदेय कर दिया गया है। इतनी महंगाई में केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार न्यूनतम मजदूरी भी नहीं दे रही है। इन्होंने कहा कि सेविकाओं एवं सहायिकाओं का केंद्र व राज्य सरकार मानसिक शोषण कर रही है। इन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी सेविका को जब तक सरकारी कर्मचारी का दर्जा नहीं मिलता सेविका को 18 हजार मानदेय राशि दिया जाए। आंगनबाड़ी सेविका सहायिका को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए। धरना प्रदर्शन में संघ के जिला सचिव फारुख आलम, जय किशन प्रसाद, शबीना आजमी, कनीज फातिमा, उषा देवी, रुकैया खातून, कविता कुमारी, चंदना देवी घोष, प्रतिमा पाल, ललिता कुमारी, अलबेला खातून, बबिता देवी, रोशन आरा, मजहबी बेगम आदि मौजूद थी।
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क्या है मांगें
आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देते हुए सेविका को क्लास थर्ड व सहायिका को क्लास फोर में समायोजित किया जाए। सरकारी कर्मी का दर्जा मिलने तक सेविका को 18 व सहायिका को 12 हजार मानदेय देने, 54 दिन हड़ताल के बाद 16 मई 2017 को हुए समझौते के आलोक में लंबित मांगों को शीघ्र पूरा करने, गोवा, तेलंगाना व अन्य राज्यों की तरह सेविका व सहायिका को प्रोत्साहन राशि देने, सेविकाओं को पर्यवेक्षिका एवं सहायिकाओं को सेविका के पद पर शत प्रतिशत पदों पर पदोन्नति करने, सेवानिवृत्ति के बाद पांच हजार मासिक पेंशन व एक मुश्त पांच लाख सहायता राशि व बीमा का लाभ देने, समान काम का समान वेतन देने सहित अन्य मांगें शामिल हैं।