तेघरिया पंचायत को है उद्धारक की तलाश
किशनगंज। प्रखंड के तेघरिया पंचायत को उद्धारक की तलाश है। पंचायत के दस हजार से अधिक की
किशनगंज। प्रखंड के तेघरिया पंचायत को उद्धारक की तलाश है। पंचायत के दस हजार से अधिक की आबादी आज भी अच्छी सड़क के लिए तरस रही है। पंचायत के कई टोले की सड़कें आज भी कच्ची ही है। पंचायत योजनाओं व अन्य योजनाओं से पूर्व में बनी अधिकांश सड़कें जर्जर हो चुकी है। ग्रामीणों का कहना है कि इन सड़कों के निर्माण कार्य मानकों के अनुरूप नहीं किया गया था। जिस कारण बनने के तीन चार सालों में ही टूटने लगी है। वहीं शुद्ध पेयजल भी यहां एक समस्या है। सरकार की ओर से पंचायत के किसी भी गांव में आयरन मुक्त संयंत्र नहीं लगा है। आयरनयुक्त दूषित जल के सेवन से पंचायत के 50 फीसदी आबादी पेट संबंधित रोग गैस से परेशान है। स्वास्थ्य सेवा के नाम पर स्वास्थ्य केंद्र स्वीकृत है। लेकिन इसका जमीनी हकीकत कुछ भी नहीं है। ग्रामीणों की माने तो पंचायत के कई स्कूल एवं मदरसे तो शिक्षा के मामले में काफी फिसड्डी है। यहां के बच्चों को अक्षर का भी सही ज्ञान नहीं है। किसानों के ¨सचाई को लेकर गौरामनी में लगा नलकूप भी वर्षों से बंद पड़ा हुआ है।