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कनकई नदी के कटाव की जद में आए कई गांव

किशनगंज। कनकई नदी के जलस्तर में उतार चढ़ाव के कारण कटाव अब भयावह रूप लेता जा रहा

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Sep 2018 09:59 PM (IST)Updated: Thu, 13 Sep 2018 09:59 PM (IST)
कनकई नदी के कटाव की 
जद में आए कई गांव
कनकई नदी के कटाव की जद में आए कई गांव

किशनगंज। कनकई नदी के जलस्तर में उतार चढ़ाव के कारण कटाव अब भयावह रूप लेता जा रहा है। कटाव अब गांव की ओर होने लगा है,जिससे ग्रामीणों में भय व्याप्त है। दिन प्रतिदिन नदी का कटाव और तीव्र गति से हो रहा है। सैंकड़ों एकड़ जमीन निगलने वाली नदी अब गांव को भी लीलने को तैयार है। लगभग आधा दर्जन गांव कटाव की जद में हैं। इधर लोगों में विस्थापन का डर बना हुआ है। कटाव से पीड़ित किसानों की सुधि लेने वाला भी कोई नही है। ऐसे किसान अपनी आंखों के सामने अपने उजड़ते खेत देखकर अपनी आंखों से निकलते आंसू को रोक नही पा रहे हैं। पिछले महज कुछ दिनों में दर्जनों एकड़ •ामीन में लगी फसल अब नदी के गर्भ में समा गई है। पौआखाली के फुलबाड़ी, केलाबाड़ी पश्चिम टोला, चूड़ीपट्टी, मोमिन बस्ती एवं सिमलबाड़ी आदि गांव अब नदी में विलीन होने के कगार पर हैं। वहीं ग्रमीणों ने बताया कि प्रशासनिक पहल भी नही की जा रही है। ऐसे में वे अब क्या करें? यह एक गम्भीर समस्या बन कर रह गई है। क्षेत्र के किसान केशव चन्द्र नाथ, नागेन्द्र देवनाथ, लाल मोहम्मद, मो. जाकिर, नरेश देवनाथ, श्याम किशोर ¨सह, तारा देवनाथ आदि किसान कटाव की पीड़ा का दंश झेल रहे हैं। फुलबाड़ी गांव के पश्चिमी छोर पर बना मिट्टी का पुराना बाँधमय रास्ता अब कटता जा रहा है। लोगों को उम्मीद थी कि इस बांध से गांव सुरक्षित रहेगा। लेकिन वह उम्मीद भी अब बेमानी साबित हो रहा है। पिछले दो दिनों से लगातार कटाव बदस्तूर जारी है। जिससे अब गांवों का बचना भी मुश्किल प्रतीत हो रहा है। कुछ दिनों पूर्व बालू भरे बोरे व बांस पाइ¨लग के द्वारा नदी की धारा को रोकने का असफल प्रयास किया गया था। अब नदी की ते•ा धारा में न वह बोरे दिखाई दे रहे हैं न ही वह बांस। अब वह स्थल भी कट कर नदी में ही समा गया

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है। वहीं कटाव स्थल से विधायक प्रतिनिधि रियाज अहमद द्वारा दी गई सूचना पर ठाकुरगंज के विधायक सह जद यू के सचेतक नौशाद आलम, जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंता मो. साजिद, विधायक प्रतिनिधि रियाज अहमद भी कटाव स्थल का मुआयना करने पहुंचे। जहां ग्रमीणों ने अपनी कटाव संबंधी समस्याओं से उन्हें अवगत कराया।


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