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महानंदा नदी पर पुल निर्माण को लेकर प्रशासनिक पहल तेज

किशगनंज। ठाकुरगंज व पोठिया प्रखंड की सीमा पर बहने वाली महानंदा नदी पर नए पुल निर्माण काय

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Jul 2021 07:45 PM (IST)Updated: Fri, 23 Jul 2021 07:45 PM (IST)
महानंदा नदी पर पुल निर्माण को लेकर प्रशासनिक पहल तेज
महानंदा नदी पर पुल निर्माण को लेकर प्रशासनिक पहल तेज

किशगनंज। ठाकुरगंज व पोठिया प्रखंड की सीमा पर बहने वाली महानंदा नदी पर नए पुल निर्माण कार्य को लेकर लोगों में आस जगी है। पुल निर्माण के संबंध में पूर्व विधायक गोपाल कुमार अग्रवाल के आवेदन पर अभियंता प्रमुख पथ निर्माण विभाग पटना ने संज्ञान लेते हुए मुख्य अभियंता सीमांचल उपभाग पथ निर्माण विभाग पटना को आवश्यक कार्रवाई करने की बात कही है। महानंदा नदी पर पुल निर्माण को लेकर पूर्व विधायक गोपाल कुमार अग्रवाल ने पथ निर्माण विभाग के मंत्री को मार्च 2021 में पत्र भेजा था। पत्र पर संज्ञान लेकर निर्देश देने पर लोगों में खुशी है कि अब पुल का निर्माण कार्य जल्द प्रारंभ होगा।

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बताते चलें कि किशनगंज-तैयबपुर-ठाकुरगंज-गलगलिया (केटीटीजी) सड़क मार्ग पर खरना गांव के समीप बहने वाली महानंदा नदी पर बना ब्रिटिश जमाने का पुल दम तोड़ने लगा है। 108 साल पुराना पुल होने के कारण यह काफी जर्जर हो चुका है। ठाकुरगंज प्रखंड को जिला मुख्यालय किशनगंज से यह पुल जोड़ती है। एक शताब्दी से भी अधिक समय बीतने के बाद भी इसकी मरम्मत का प्रयास नहीं किया जा रहा है। लोहे के इस पुल पर जगह-जगह जंग लग गया है। पुल के कई हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गए हैं। खासकर भारी वाहन गुजरने के दौरान पुल हिलने लगता है। कहे तो लोग जान हथेली पर लेकर पुलिस से आवाजाही करते हैं। इस मार्ग में ट्रैफिक बढ़ने व पुल एक लेन होने के कारण अक्सर भारी जाम की समस्या से राहगीरों को रुबरू होना पड़ता है। कई दिनों तो लोगों को घंटों जाम में फंसना पड़ता है। इस नदी पर नए पुल निर्माण के लिए करीब तीन वर्ष पूर्व मिट्टी जांच कराए गए थे। जिससे आमजनों को उम्मीद बढ़ी थी कि अब पुल का निर्माण कार्य अतिशीघ्र शुरू होगा। लेकिन अब तक यह विभागीय पेंच में फंसा हुआ है। बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के अधिकारी की मानें तो मिट्टी जांच के बाद इसका डीपीआर तैयार कर तकनीकी स्वीकृति के लिए विभाग को भेजा गया है। वहां से स्वीकृति मिलने के बाद ही पुल निर्माण की दिशा में कदम बढ़ सकेगा। इस संबंध में पूर्व विधायक गोपाल कुमार अग्रवाल ने बताया कि महानंदा नदी पर नए पुल निर्माण कार्य को लेकर प्रशासनिक कवायद तेज हो गई है। इसके अलावे भी ठाकुरगंज को अनुमंडल का दर्जा दिलाए जाने तथा पावर ग्रिड की स्थापना में हो रहे विलंब पर भी विभागीय स्तर पर बातचीत चल रही हैं। इस समस्याओं का भी निष्पादन बहुत जल्द होने की संभावना है।

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1913 में हुआ था निर्माण

महानंदा नदी पर पुल का निर्माण वर्ष 1913 में ब्रिटिश शासन के दौरान वर्ण एंड कंपनी लिमिटेड, हावड़ा (पश्चिम बंगाल) की कंपनी ने कराया था। जानकारी अनुसार पहले इस पुल का निर्माण दार्जिलिग-हिमालयन रेलमार्ग के तहत नैरो गेज की रेलगाड़ियां चलाने के लिए किया गया था। इसके बाद असम रेलवे लिक प्रोजेक्ट (एआरएलपी) के तहत जब नैरो गेज को मीटर गेज के रूप में अमान परिवर्तन किया गया तब इस स्थान से 50 मीटर उत्तर महानंदा नदी पर मीटर गेज के लिए वर्ष 1949 में पुल का निर्माण कराया गया। जिसमें वर्तमान में ब्राड गेज की ट्रेन चल रही है। रेलवे सूत्रों के अनुसार दार्जिलिग-हिमालयन रेल मार्ग के तहत नेरो गेज में रेलगाड़ियां सन 1881 ई. से सिलीगुड़ी तक चल रही थी। वर्ष 1915 ई. में इसमें बढ़ोत्तरी कर ठाकुरगंज होते हुए किशनगंज तक किया गया था।


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