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80 लाख रुपये के कर्ज में डूबा है डागा!

संवाद सहयोगी किशनगंज पुलिस गिरफ्त में आए रूपेश और रोहित ने बताया कि विशाल डागा उसका

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Apr 2021 07:18 PM (IST)Updated: Fri, 16 Apr 2021 07:18 PM (IST)
80 लाख रुपये के कर्ज में डूबा है डागा!

संवाद सहयोगी, किशनगंज : पुलिस गिरफ्त में आए रूपेश और रोहित ने बताया कि विशाल डागा उसका घनिष्ठ मित्र है। घटना से एक सप्ताह पूर्व विशाल डागा ने कहा था कि मुझपर 70-80 लाख रुपये का कर्ज हो गया है। मेरे पिता पैसा देने से इन्कार कर रहे है। ऐसी परिस्थिति में तुमलोग मेरे अपहरण की योजना बनाओ और मेरे पिता से 60 लाख रुपये फिरौती की मांग करो ताकि मैं अपना कर्ज उतार सकूं। इस काम के लिए रोहित ने रौनक सिंह नामक एक अन्य युवक को किशनगंज बुलाया। अपहरण से संबंधित विस्तृत योजना विशाल और रौनक ने बनाई। इसमें यह तय हुआ कि फिरौती की रकम में 45 लाख विशाल रख लेगा और 15 लाख में हम तीनों बांट लेंगे। इसी योजना के अनुसार विशाल ने बागडोगरा से एक इनोवा गाड़ी को 12 हजार रुपये में किराया पर लिया और उस गाड़ी से किशनगंज से दरभंगा पहुंचा। दरभंगा पहुंचने के बाद रौनक ने स्कॉर्पियो गाड़ी भेजा। जिस गाड़ी से कुसेश्वर स्थान जाकर विशाल एक दिन रूका। कुसेश्वर स्थान में रोहित के द्वारा विशाल को सूचना दी गई कि एमजीएम मेडिकल कॉलेज वाले घर एवं अन्य स्थानों पर पुलिस की लगातार दबिश बढ़ती जा रही है। इस कारण तुम वहां से हट जाओ। इसके बाद वह बस से दिल्ली, दिल्ली से अमृतसर फिर चंडीगढ़ के होटल सिटी-इन में एक रात रूका। पैसा खत्म होने के बाद उक्त होटल के मैनेजर के खाता पर सात हजार रुपये रोहित उर्फ बाबा से मंगवाया। इसके बाद दिल्ली चला गया। जहां एक सप्ताह रूकने के बाद कोलकाता पहुंचा। कोलकाता से ही रोहित और अपने घर वालों को मैसेज किया कि मेरे पास पैसा समाप्त हो गया है। मैं घर आना चाहता हूं। पैसे का व्यवस्था कर दीजिये। तब घर वालों ने पैसा का इंतजाम किया।

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अपहरण के झूठी कहानी का वीडियो व ऑडियो भी बरामद

पुलिस का दावा है कि जांच के क्रम में एक ऑडियो और विडियो प्राप्त हुआ है। विशाल ने यह वीडियो और ऑडियो खुद बनाकर अपने साथियों को दिया। ऑडियो में वह बोल रहा है कि पापा मुझे बचा लीजिए। अपहरणकर्ता जो पैसा मांग रहा है दे दीजिए नहीं तो ये लोग मार मुझे देगा। वीडियो में भी विशाल बोल रहा है कि पापा 60-80 लाख रुपया का कर्जदार हो चुका हूं। अगर पैसा नहीं मिला तो मुझे आत्महत्या करनी पड़ेगी। इज्जत की बात है। मेरा अपहरण नहीं हुआ और न ही किया गया है। मैंने अपने दोस्तों के साथ मिलकर तथाकथित अपहरण का खेल रचा। पुलिस की जांच टीम में एसडीपीओ अनवर जावेद अंसारी, पहाड़कट्टा थानाध्यक्ष आरिज एहकाम, पोठिया थानाध्यक्ष कुंदन कुमार, बहादुरगंज थानाध्यक्ष संजय कुमार, तकनीकी शाखा के प्रमोद कुमार व सुमित कुमार शामिल थे।


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