परंपरागत खेती की जगह किसान पौष्टिक व स्वास्थ्य वर्धक आधारित करें खेती
संसू, ठाकुरगंज (किशनगंज) : पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के निदेशक एके अग्रवाल गुरुवार को किशनगंज दौरे के दौरान ड्रेगन फ्रूट की खेती देखने नगर पंचायत ठाकुरगंज के वार्ड नं एक गांधीनगर में उत्पादित जैन एग्रो फार्म पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से किसानों को कई योजनाओं के माध्यम से लाभ पहुंचाया जा रहा है। सरकार चाहती है कि किसान परंपरागत खेती की जगह बाजार की मांग पर पौष्टिक व स्वास्थ्य वर्धक आधारित खेती करने पर जोर दे, ताकि लोगों को स्वास्थ्य लाभ मिले तथा किसानों को भी अच्छा मुनाफा मिल सके। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से किसानों को बागवानी फसलों पर सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जा रहा है। भिन्न- भिन्न खेती के लिए किसानों को कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही है।
कहा कि सूबे में ड्रैगन फ्रूट का उत्पादन बढ़ाने पर सरकार का जोर हैं, क्योंकि इनकी बाजार में मांग अच्छी रहती है और भाव भी अन्य फलों की अपेक्षा ऊंचे मिलते हैं। इस क्रम में ड्रेगन उत्पादक कृषक नागराज नखत ने खेती के तौर तरीके पर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के निदेशक को बताया कि ड्रेगन फ्रूट मानसून में तैयार होता है। इसके फल मानसून के 4 महीने में हर 40 दिनों के अंतराल में पकते हैं। इसका एक फल का वजन औसतन 100 से 300 ग्राम तक होता है। इसका एक बार पेड़ 20 साल तक फल देता है। ड्रैगन फ्रूट यूनिटी बूस्टर है। यह फल 500 रुपये किलो तक बिकता है। किसान इसकी खेती कर सालाना लाखों रुपए कमा सकते हैं। उन्होंने 2014 से लगाये ड्रेगन फ्रूट के बागान को दिखाया। कृषक नागराज नखत ने साथ में मौजूद सहायक उद्यान निदेशक डा. रजनी सिन्हा से कहा कि इस बार मानसून कमजोर होने से ड्रैगन फ्रूट के आकार व उत्पादन में काफी असर पड़ा है। इस पर निदेशक ए के अग्रवाल ने सहायक उद्यान निदेशक को निर्देश दिया कि फल के उत्पादन क्षमता पर पड़ रहे प्रभाव की समस्या को दूर करने के लिए कृषि वैज्ञानिकों की सेवाएं प्रदान करवाएं। सहायक उद्यान निदेशक ने बतया कि डा. कलाम कृषि महाविद्यालय, अर्राबाड़ी में भी ड्रेगन फ्रूट को लेकर कृषि वैज्ञानिकों की एक टीम शोध कर रही है। शोध से ड्रैगन फ्रूट उत्पादक एवं ड्रैगन की खेती को लाभ मिलेगा। इस दौरान केंद्रीय भूमिगत बोर्ड, पटना के वैज्ञानिक संजीव चक्रवर्ती, बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक रवि शंकर तिवारी, बीडीओ सुमित कुमार, सीओ ओमप्रकाश भगत, पीओ मनरेगा सुशील कुमार सिद्धू, प्रखंड उद्यान पदाधिकारी संजय कुमार, स्वच्छता मिशन के प्रखंड समन्वयक हिमांशु कुमार, आवास पर्यवेक्षक शंभु कुमार, ड्रेगन उत्पादक किसान हंसराज नखत आदि मौजूद थे।