मूसलाधार बारिश व महानंदा के जलस्तर में वृद्धि ने बढ़ाई धड़कनें
फोटो 24 केएसएन 67 - शनिवार की अपेक्षा रविवार को जलस्तर में 38 सेमी आई कमी संवाद सूत्र, प
फोटो 24 केएसएन 67
- शनिवार की अपेक्षा रविवार को जलस्तर में 38 सेमी आई कमी
संवाद सूत्र, पहाड़कट्टा (किशनगंज) : मूसलाधार बारिश व नदियों के जलस्तर में वृद्धि ने एकाएक लोगों की धड़कनें बढ़ा दी। शनिवार दोपहर बाद से महानंदा व डोक नदी के जलस्तर में वृद्धि से जहां लोग आशंकित थे वहीं शनिवार शाम से रविवार सुबह तक लगातार हुई मूसलाधार बारिश ने बाढ़ का खतरे से लोग सशंकित हो उठे। हालांकि रविवार दोपहर बाद महानंदा के जलस्तर में धीरे-धीरे कमी आने लगी। शनिवार शाम को अधिकतम 4.78 मीटर जलस्तर दर्ज की गई वहीं रविवार शाम को घटकर 4.40 मीटर पहुंची। जलस्तर में कमी आने से लोगों ने राहत की सांस जरूर ली है मगर नदी किनारे बसे गांव पर कटाव का खतरा बरकरार है।
पोठिया प्रखंड क्षेत्र के बीचोबीच डोक व महानंदा नदी बहती है। बरसात के दिनों में इन दोनों नदियों का जलस्तर बढ़ने से हर साल दर्जनों गांव बाढ़ के चपेट में आ जाता है। महानंदा नदी जब उफान पर होती है तो फाला पंचायत के बड़ापोखर डांगी पारा, गिल्हाबाड़ी फाला बस्ती, जलालपूर, कस्बाकलियागंज पंचायत के फुलबाड़ी, तैयबपुर, कलियागंज, बालूबाड़ी गोरी हाट, कौआबाड़ी सैठाबाड़ी व डुबानोची के पानबारा, फाला बस्ती बिड़नाबाड़ी, बुढनई पंचायत के ललबाड़ी हटातपाड़ा, टप्पू झारबाड़ी, हलीनगर डांगीबस्ती तथा सुहागी सहित अन्य पंचायतों के दर्जनो गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर जाता है। वहीं डोक नदी का जलस्तर बढ़ने से खासकर मिर्जापुर, गोरूखाल, सारोगोड़ा व बुधरा पंचायत के दर्जनों गांव को अपने चपेट में ले लेती है। बरसात का मौसम आते ही नदी किनारे बसे गांव के लोग डरे सहमे रहने लगे हैं। न सिर्फ घर मकान डूब जाता है बल्कि खेती किसानी भी बुरी तहर से तबाह हो जाता है।